Bangladesh threatens India: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश के नेताओं द्वारा भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को मुख्य भूमि से अलग करने की बार-बार दी जा रही धमकियों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे बयान जारी रहे तो भारत लंबे समय तक चुप नहीं रहेगा।
यह प्रतिक्रिया बांग्लादेश की नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेता हसनत अब्दुल्लाह के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने धमकी दी थी कि यदि भारत बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिश करता है या पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों को शरण देता रहा, तो बांग्लादेश भारत के अलगाववादियों को पनाह देगा और उत्तर-पूर्व के आठ राज्यों (सेवन सिस्टर्स प्लस सिक्किम) को भारत से अलग-थलग कर देगा।
हसनत अब्दुल्लाह ने 15 दिसंबर को ढाका में एक रैली में कहा, “भारत को बता दूं कि अगर आप हमारे देश की संप्रभुता और मानवाधिकारों का सम्मान न करने वालों को शरण देते रहे, तो हम भारत के अलगाववादियों को शरण देंगे और उत्तर-पूर्व को काट देंगे।” उन्होंने भारत पर हसीना समर्थकों को हथियार और धन देकर बांग्लादेश में अराजकता फैलाने का आरोप भी लगाया।
मुख्यमंत्री सरमा ने पत्रकारों से कहा, “पिछले एक साल से बांग्लादेश से बार-बार ऐसे बयान आ रहे हैं कि उत्तर-पूर्व को भारत से अलग करके उनके साथ मिला लिया जाए। यह गलत सोच है। भारत एक बड़ा देश है, परमाणु शक्ति संपन्न और दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था। ऐसे बयान देना भी गलत है। यदि यह व्यवहार जारी रहा, तो हम चुप नहीं रहेंगे और उन्हें सबक सिखाएंगे।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
सरमा ने यह भी इशारा किया कि बांग्लादेश को भारत के ‘चिकन नेक’ (सिलीगुड़ी कॉरिडोर) पर धमकी देने से पहले अपनी कमजोरियों पर ध्यान देना चाहिए। भारत का सिलीगुड़ी कॉरिडोर (पश्चिम बंगाल में 22-35 किमी चौड़ा गलियारा) उत्तर-पूर्व को मुख्य भारत से जोड़ता है। वहीं, सरमा के अनुसार बांग्लादेश के खुद दो ‘चिकन नेक’ हैं – एक 80 किमी का उत्तरी गलियारा (पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर से मेघालय के दक्षिण-पश्चिम गारो हिल्स तक) और दूसरा 28 किमी का चटगांव कॉरिडोर (दक्षिण त्रिपुरा से बंगाल की खाड़ी तक)।

भारत का सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) का नक्शा

सिलीगुड़ी कॉरिडोर और उत्तर-पूर्व की रणनीतिक स्थिति दिखाता नक्शा
यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश से ऐसे बयान आए हैं। इससे पहले अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने भी उत्तर-पूर्व को लैंडलॉक्ड बताकर बांग्लादेश को समुद्र तक पहुंच का ‘एकमात्र अभिभावक’ कहा था, जिस पर भारत में तीव्र विरोध हुआ था।
भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से तनावपूर्ण हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में आगामी चुनावों के मद्देनजर ऐसे बयान राजनीतिक लाभ के लिए दिए जा रहे हैं, लेकिन ये क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं।
उत्तर-पूर्व के चार राज्य – असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम – बांग्लादेश से सीधे लगते हैं, इसलिए ऐसे बयान भारत की सुरक्षा के लिए संवेदनशील हैं।

