बांग्लादेश: सेना के 15 अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल ने भेजा जेल, जबरन गायब करने और हत्या का लगा आरोप

Bangladesh/Dhaka News: बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने बुधवार को सेना के 15 सेवारत अधिकारियों को जेल भेज दिया है। इन अधिकारियों पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासनकाल के दौरान जबरन गायब करने, हत्या और यातना जैसे मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप हैं। यह कार्रवाई 2024 के जन विद्रोह के बाद की जा रही जांचों का हिस्सा है, जिसमें सुरक्षा बलों पर दमन के आरोप लगे थे।

ट्रिब्यूनल की तीन सदस्यीय पीठ, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस एमडी गोलाम मोर्तुजा मजुमदार कर रहे थे, ने सुबह करीब 8:30 बजे यह आदेश जारी किया। अधिकारियों को सुबह 7 बजे के आसपास कड़ी सुरक्षा में ट्रिब्यूनल के सामने पेश किया गया था। वे सिविल कपड़ों में थे और उन्हें एक हरी जेल वैन में लाया गया था। ट्रिब्यूनल ने उनके आरोपों को अस्वीकार करने के बावजूद उन्हें ढाका कैंटनमेंट के अंदर एक सब-जेल में भेज दिया। अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी, जहां वे जमानत की याचिका दाखिल कर सकते हैं।

आरोप और पृष्ठभूमि
ये अधिकारी रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फोर्सेस इंटेलिजेंस (डीजीएफआई) जैसे संगठनों से जुड़े हैं, जिन पर हसीना सरकार के दौरान राजनीतिक विरोधियों को गायब करने और यातना देने के आरोप हैं। 2024 के जुलाई-अगस्त विद्रोह में करीब 1,400 लोग मारे गए थे, और संयुक्त राष्ट्र ने इन घटनाओं की जांच की मांग की थी। आईसीटी को हाल ही में संशोधित किया गया है ताकि 1971 के युद्ध अपराधों के अलावा हसीना शासन के अपराधों की भी सुनवाई हो सके।

8 अक्टूबर को ट्रिब्यूनल ने 30 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे, जिसमें शेख हसीना, उनके पूर्व रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्दीकी और अन्य शामिल हैं। दो मामलों में आरएबी और डीजीएफआई के गुप्त हिरासत केंद्रों में विरोधियों को अपहरण और यातना देने के आरोप हैं। सेना ने 11 अक्टूबर को इन 15 अधिकारियों को हिरासत में लिया था।

आरोपित अधिकारियों के नाम
ट्रिब्यूनल में पेश किए गए अधिकारियों में शामिल हैं:
• मेजर जनरल शेख एमडी सरवर हुसैन (पूर्व डीजीएफआई निदेशक)
• ब्रिगेडियर जनरल एमडी जहांगीर आलम (पूर्व आरएबी अतिरिक्त महानिदेशक)
• ब्रिगेडियर जनरल तोफायेल मुस्तफा सरवर
• ब्रिगेडियर जनरल एमडी कमरुल हसन
• ब्रिगेडियर जनरल एमडी महबूब आलम
• ब्रिगेडियर जनरल एमडी महबूबुर रहमान सिद्दीकी
• ब्रिगेडियर जनरल अहमद तनवीर मजहर सिद्दीकी
• कर्नल अनवर लतीफ खान (पूर्व सेवानिवृत्ति अवकाश पर)
• कर्नल एकेएम आजाद
• कर्नल अब्दुल्लाह अल मोमेन
• कर्नल एमडी सरवर बिन काशेम
• लेफ्टिनेंट कर्नल एमडी मोशीउर रहमान ज्वेल
• लेफ्टिनेंट कर्नल सैफुल इस्लाम सुमोन
• लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद रेदवानुल इस्लाम
• मेजर रफत बिन आलम मून
ये सभी अधिकारी सेना में सेवारत हैं, सिवाय एक के जो अवकाश पर है।

अधिकारियों के बयान और प्रतिक्रियाएं
मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने कहा कि अधिकारियों ने कानून का सम्मान करते हुए अदालत में पेश होकर अपनी निष्ठा दिखाई है। यूएन मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने इस प्रक्रिया को पीड़ितों के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया है। हालांकि, कुछ पूर्व सेना अधिकारियों ने चिंता जताई है कि इससे सेना के मनोबल पर असर पड़ सकता है।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने अंतरिम सरकार को चेतावनी दी है कि सेना से टकराव से बचें, खासकर फरवरी 2026 के चुनावों से पहले। शेख हसीना, जो भारत में निर्वासन में हैं, पर भी मुकदमा चल रहा है, और ट्रिब्यूनल ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की है।

यह मामला बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है, जहां पूर्व शासन के अपराधों की जवाबदेही तय की जा रही है।

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