प्रदर्शन की शुरुआत वायु गुणवत्ता संकट के खिलाफ हुई थी, लेकिन दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह जल्द ही नक्सली समर्थन में बदल गया। गिरफ्तार छात्रों में अधिकांश दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े हैं, जो भगत सिंह छात्र एकता मंच (बीएससीईएम) और पर्यावरण संगठन हिमखंड से संबंधित बताए जाते हैं। पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें सरकारी काम में बाधा, पुलिसकर्मियों पर हमला और महिलाओं की गरिमा का अपमान जैसे आरोप शामिल हैं।
इंस्टाग्राम पोस्ट्स पर पुलिस का जोर
पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए बीएससीईएम के इंस्टाग्राम पेज पर मिले एक पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें कथित तौर पर माओवादी कमांडर मदवी हिड़मा की “फर्जी मुठभेड़” के खिलाफ बयान और उन्हें “क्रांतिकारी शहीद” बताते हुए “लाल सलाम” दिया गया था। पोस्ट में लिखा था, “मदवी हिड़मा को लाल सलाम, शहीदों का रक्त ऋण चुकाया जाएगा। मार्क्सवाद, लेनिनवाद, माओवाद जिंदाबाद।” इसके अलावा, एक आठ पेज का लेख हिड़मा की “महिमा” गाने का जिक्र किया गया।
पुलिस ने एक अन्य वीडियो का भी उल्लेख किया, जिसमें आरोपी रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन (आरएसयू) की तारीफ में गाने गाते दिखे। आरएसयू को माओवादियों का फ्रंटल संगठन बताते हुए डीसीपी (नई दिल्ली) देवेश महला ने कोर्ट को बताया कि यह प्रतिबंधित संगठन है। हाल ही में पुलिस ने नया वीडियो सबूत पेश किया, जिसमें आरोपियों को रैडिकल मीटिंग से जोड़ा गया है।
कोर्ट की कार्यवाही
प्रदर्शन के बाद दो एफआईआरों में कार्रवाई हुई। पहली एफआईआर में आठ प्रदर्शनकारियों को जमानत मिली, लेकिन दूसरी में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। 27 नवंबर को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास ने छह छात्रों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा। 29 नवंबर को नौ छात्रों को 20,000 रुपये के बॉन्ड पर जमानत दी गई। हालांकि, शनिवार को छह अन्य की जमानत याचिकाओं पर पुलिस ने कड़ा विरोध जताया। सोमवार को 17 की जमानत अस्वीकृत हो गई, और आठ को न्यायिक हिरासत में डाल दिया गया। बाकी 21 आरोपी अभी पुलिस या न्यायिक हिरासत में हैं।
छत्तीसगढ़ डिप्टी सीएम का तीखा प्रहार
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने प्रदर्शन की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “ये छात्र दिल्ली से हिंसा के आह्वान दे रहे हैं, लेकिन बस्तर की हकीकत नहीं जानते। आइए बस्तर, सच्चाई देखिए।” शर्मा ने हिड़मा को “लोगों का नायक” बताने वाले पोस्टर्स और नारों “कॉमरेड हिड़मा अमर रहे” का जिक्र करते हुए छात्रों को बस्तर आने का न्योता दिया। उन्होंने बताया कि हिड़मा ने सुरक्षा बलों पर 26 घात लगाकर हमले करवाए, जिससे दशकों तक बस्तर में आतंक का राज चला। शर्मा ने कहा, “ये बच्चे नक्सल हिंसा के प्रति सहानुभूति रखने वाली संवेदनशीलता पर पले हैं। हिंसा से शासन की कल्पना असंभव है।” उन्होंने चीन के तियानमेन स्क्वायर घटना का उदाहरण देते हुए भारत को दुनिया की सबसे बड़ी लोकतंत्र बताया, जहां नक्सलवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
हिड़मा का बैकग्राउंड
मदवी हिड़मा छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र का कुख्यात माओवादी कमांडर था, जिसे पिछले महीने आंध्र प्रदेश में मुठभेड़ में मार गिराया गया। पुलिस के अनुसार, हिड़मा ने कई बड़े हमलों का नेतृत्व किया, जिसमें दर्जनों जवान शहीद हुए। हाल ही में एक सरेंडर किए गए नक्सली ने बताया कि हिड़मा की अगुवाई वाली हार्डलाइन फैक्शन में आंतरिक कलह है। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने हिड़मा की मां से मुलाकात कर उन्हें सरेंडर के लिए मनाने की कोशिश की थी।
प्रतिक्रियाएं और विवाद
प्रदर्शनकारियों ने हिरासत में यातना के आरोप लगाए हैं और जमानत के लिए ऊपरी अदालतों का रुख कर सकते हैं। बीजेपी नेताओं ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो शेयर कर इसे “नक्सल समर्थन का ढोंग” बताया। वहीं, छात्र संगठनों ने इसे “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला” करार दिया। प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन के बीच नक्सल लिंक्स का यह विवाद राजनीतिक बहस को हवा दे रहा है।
कोर्ट ने सभी आरोपियों को सोमवार को फिर पेश करने का निर्देश दिया है। मामला अब और गहरा सकता है, क्योंकि पुलिस नई जांच के दायरे का विस्तार कर रही है।

