बागपत ट्रिपल मर्डर: मुफ्ती इब्राहिम ने छोड़ा गांव, मस्जिद पर जड़ा ताला; पुलिस का खुलासा- नाबालिग छात्रों ने लिया अपना बदला

Baghpat Triple Murder News: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के दोघट थाना क्षेत्र के गांगनौली गांव में शनिवार को हुई सनसनीखेज ट्रिपल मर्डर की घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। मस्जिद परिसर में मुफ्ती इब्राहिम की पत्नी इसराना (30 वर्ष) और उनकी दो मासूम बेटियों सोफिया (5 वर्ष) व सुमैया (2 वर्ष) की बेरहमी से हत्या के बाद अब नया मोड़ आ गया है। मुफ्ती इब्राहिम ने मंगलवार को गांव और मस्जिद को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। ग्रामीणों के रोकने के बावजूद वे अपने पैतृक गांव सुन्ना (शामली जिला) चले गए, जिसके बाद सोमवार को नमाज के बाद मस्जिद का गेट बंद कर ताला लगा दिया गया।

पुलिस ने घटना का महज छह घंटों में खुलासा कर दिया है। एसपी सूरज कुमार राय के अनुसार, हत्या के आरोपी वे ही दो नाबालिग किशोर हैं जो मस्जिद में दीनी तालीम लेने आते थे। पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि मुफ्ती इब्राहिम की डांट-फटकार और पिटाई से आहत होकर उन्होंने यह कदम उठाया। शुक्रवार को मुफ्ती ने दोनों को थप्पड़ मारे थे, जिससे गुस्से में वे परिवार को निशाना बनाने की योजना बना बैठे। मृतका इसराना पांच माह की गर्भवती थीं और मस्जिद परिसर में ही गांव की लड़कियों को धार्मिक शिक्षा देती थीं।

घटना का क्रम: 15 मिनट में तीनों की हत्या
शनिवार दोपहर करीब 2:30 बजे मुफ्ती इब्राहिम देवबंद किसी धार्मिक कार्यक्रम के सिलसिले में गए हुए थे। उसी समय दोनों आरोपी मस्जिद पहुंचे। मस्जिद परिसर में रखी बसूली (हथौड़ा) और चाकू का इस्तेमाल कर उन्होंने ऊपरी कमरे में सो रही इसराना और उनकी बेटियों पर हमला बोल दिया। सीसीटीवी फुटेज में कैद सीन से साफ है कि सिर्फ 15 मिनट में तीनों की सिर कुचलकर और गला रेतकर हत्या कर दी गई। हत्यारों ने वारदात के बाद बाथरूम में हाथ-पैर धोए, फिर सीढ़ियों से भागने की कोशिश की लेकिन रास्ता बदलकर दीवार से कूदकर फरार हो गए। दीवार और दरवाजे पर खून के धब्बे मिले हैं।

दोपहर करीब 3 बजे जब तालीम के लिए बच्चे मस्जिद पहुंचे तो अंदर का खौफनाक मंजर देखकर चीख पड़ी। शवों की सूचना मिलते ही पुलिस और ग्रामीण दौड़े। एसएसपी ने सात टीमों का गठन कर जांच शुरू की, जिसमें एसओजी और सर्विलांस यूनिट शामिल थी। दोनों आरोपी शाम तक हिरासत में थे और पूछताछ में झूठ बोलते रहे, लेकिन फुटेज देखकर सच उगल दिया।

मुफ्ती का गांव छोड़ना: सन्नाटा छाया मस्जिद पर
मुफ्ती इब्राहिम, जो मूल रूप से शामली के सुन्ना गांव के निवासी हैं, पिछले तीन-चार साल से गांगनौली की बड़ी मस्जिद में इमाम थे। घटना के बाद वे सदमे में थे। रविवार को वे कुछ सामान और रुपये लेकर पैतृक गांव गए, लेकिन सोमवार को सभी बाकी सामान कैंटर में भरकर चले गए। ग्रामीणों ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। मंगलवार को मस्जिद पूरी तरह खाली हो गई। सोमवार की नमाज के बाद ग्रामीणों ने गेट पर ताला जड़ दिया, जिससे मस्जिद पर सन्नाटा छा गया। एक ग्रामीण ने बताया, “मुफ्ती साहब का जाना दुखद है, लेकिन इतनी बड़ी त्रासदी के बाद वे यहां कैसे रहते?”

मुफ्ती इब्राहिम ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर पुलिस की तारीफ की। उन्होंने कहा, “सीएम योगी की पुलिस ने सिर्फ छह घंटे में असली हत्यारों को पकड़ लिया। एसपी साहब और दोघट थाने की टीम का शुक्रिया।” हालांकि, मृतका इसराना के भाई (जो खुद मुफ्ती हैं) ने पुलिस थ्योरी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने वीडियो में कहा, “दो बच्चे इतना बड़ा कत्ल कैसे कर सकते हैं? सीबीआई जांच होनी चाहिए।” पुलिस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि साक्ष्य मजबूत हैं।

गांव में डर का माहौल, जांच जारी
इस घटना से गांगनौली गांव में दहशत फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि मस्जिद अब सुनसान हो गई है। पुलिस ने दोनों नाबालिगों को बाल गंगाधर अधिनियम के तहत कार्रवाई कर जुवेनाइल होम भेज दिया है। एसपी राय ने बताया कि हत्या का मोटिव साफ है- बदला। लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ जारी है।

यह घटना न सिर्फ धार्मिक शिक्षा के केंद्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि बच्चों के मनोविज्ञान पर भी विचार करने को मजबूर करती है। बागपत पुलिस ने अपील की है कि ऐसी संवेदनशील घटनाओं में सहयोग करें। आगे की कार्रवाई में कोई ढिलाई न बरती जाएगी।

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