बरेली में फिर गरजा बाबा का बुलडोज़र, तौकीर के करीबी पर कार्यवाई

Bareilly Development Authority News: उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए जगतपुर इलाके में एक दो मंजिला मार्केट और पीलीभीत बाईपास पर स्थित शोरूम को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई मौलाना तौकीर रजा खान के करीबी सहयोगी मोहम्मद आरिफ से जुड़ी संपत्तियों पर की गई, जिन पर लंबे समय से अवैध निर्माण का आरोप लगाया जा रहा था। भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच चली इस कार्रवाई में किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने बताया, “लोगों को पहले ही नोटिस जारी कर दिया गया था, लेकिन उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। आदेश पारित किया गया था, जिसका अब अमल हो रहा है। यह मामला मोहम्मद आरिफ से जुड़ा है और निर्देश 2024 में ही जारी हो चुके थे। अवैध निर्माणों पर कोई छूट नहीं दी जाएगी।” कुमार ने स्पष्ट किया कि यह नियमित अभियान का हिस्सा है और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाया जा रहा है।

यह कार्रवाई बरेली में 26 सितंबर को हुई हिंसा के बाद शुरू हुए व्यापक अभियान का हिस्सा मानी जा रही है। उस दिन ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर विवाद को लेकर कोतवाली क्षेत्र में मस्जिद के बाहर 2,000 से अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठी हुई थी, जिसके दौरान पथराव और पुलिस पर हमले की घटनाएं हुईं। इसके बाद जिला प्रशासन ने अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्ती बरतनी शुरू की। बीडीए और जिला प्रशासन की संयुक्त टीमों ने फैक एनक्लेव, जगतपुर और पुराने शहर इलाकों में सर्वे किया था, जहां कई संपत्तियां बिना मानचित्र स्वीकृति के बनाई गई पाईं। इनमें से कई सरकारी भूमि, सड़कों और सीलिंग क्षेत्रों पर अतिक्रमण करती थीं।

आरिफ से जुड़ी आठ संपत्तियों को निशाना बनाया गया था, जिनमें स्काईलार्क होटल, फहम लॉन और फ्लोरा गार्डन जैसे प्रतिष्ठान शामिल हैं। ये सभी 29 सितंबर को ही सील कर दिए गए थे। बीडीए के उपाध्यक्ष डॉ. मणिकंदन ए ने कहा था, “सरकारी और सीलिंग भूमि पर अवैध निर्माणों को बख्शा नहीं जाएगा। नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।” इसी क्रम में बरेली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने पहलवान साहब दरगाह के ऊपर बने कई दुकानों को भी ध्वस्त करने का निशान लगाया।

प्रशासन ने आरिफ के खिलाफ सड़क और भूमि अतिक्रमण के लिए एफआईआर दर्ज करने की तैयारी भी की है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह अभियान शहर की यातायात व्यवस्था और सार्वजनिक भूमि को मुक्त करने के लिए जरूरी है, लेकिन कुछ लोग इसे ‘चुनिंदा निशाना’ बता रहे हैं।

हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई प्रभावित पक्षों ने अपील दायर की है, जिनमें वक्फ बोर्ड से जुड़ी दुकानों का जिक्र है। बरेली के जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने इसे ‘नियमित अभियान’ बताते हुए कहा कि हिंसा से इसका कोई सीधा संबंध नहीं है।

यह घटना उत्तर प्रदेश में अवैध निर्माणों के खिलाफ चल रहे ‘बुलडोजर जस्टिस’ अभियान की याद दिला रही है, जहां प्रशासन सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कड़े कदम उठा रहा है। बीडीए ने चेतावनी दी है कि आगे भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी, और प्रभावित पक्षों को अपील का अवसर दिया जाएगा। बरेली जैसे विकासशील शहर में यह कदम शहरी नियोजन को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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