समारोह विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर अभिजीत मुहूर्त (दोपहर 11:58 से 12:30 बजे) में संपन्न हुआ। लगभग 11 किलोग्राम वजनी यह त्रिकोणीय केसरिया ध्वज, जिसमें भगवान राम के तेज का प्रतीक सूर्य, ‘ओम’ और कोविदार वृक्ष की आकृति अंकित है, मंदिर के 191 फुट ऊंचे शिखर पर फहराया गया। पीएम मोदी ने ध्वजारोहण से पहले राम दर्शन गर्भगृह, राम लल्ला गर्भगृह, सप्त मंदिर, शेषावतार मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर में पूजा-अर्चना की। उनके साथ सीएम योगी और मोहन भागवत भी मौजूद रहे।
मंदिर निर्माण समिति के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह ध्वजारोहण केवल एक समारोह नहीं, बल्कि विश्व भर के भक्तों के लिए मंदिर पूर्ण होने की घोषणा है। अयोध्या में हजारों भक्तों की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, जिसमें पुलिस, खुफिया एजेंसियां और ड्रोन निगरानी शामिल थी। शहर को फूलों से सजाया गया, जिसमें 100 टन से अधिक फूलों का उपयोग हुआ।
पीएम मोदी का संबोधन
ध्वजारोहण के तुरंत बाद पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “भगवान राम भारत की आत्मा हैं। यह केसरिया ध्वज न केवल मंदिर की पूर्णता का प्रतीक है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक निरंतरता और एकता का भी। राम राज्य के आदर्श—सत्य, न्याय और समानता—आज के भारत को दिशा देंगे। हमने जो संघर्ष देखा, वह अब विजय का उत्सव है।” उन्होंने अयोध्या को वैश्विक आस्था का केंद्र बताते हुए कहा कि यह समारोह 140 करोड़ भारतीयों की आस्था का प्रमाण है। पीएम ने कारीगरों, शिल्पकारों और स्वयंसेवकों को ‘कर्मयोगी’ कहकर सम्मानित किया, जो मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले थे।
सनातन धर्म की ज्योति अमर
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने समारोह के दौरान और बाद में अपने संक्षिप्त बयान में कहा, “यह ध्वजारोहण सनातन धर्म की ज्योति का प्रतीक है, जो सदियों की तपस्या का फल है। राम मंदिर केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि हिंदू समाज की एकजुटता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। हम सभी को राम के आदर्शों से प्रेरित होकर सेवा, त्याग और राष्ट्रीय एकता का मार्ग अपनाना चाहिए।” भागवत ने मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रों के बीच पूजा के दौरान भी भक्तों को धार्मिक उत्साह का संदेश दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अवसर केवल हिंदू समुदाय के लिए नहीं, बल्कि समस्त भारतवर्ष के सांस्कृतिक उत्थान का है।
नया युग का सूत्रपात
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “श्री अयोध्या धाम में भगवान राम के भव्य मंदिर पर ध्वजारोहण किसी यज्ञ की पूर्णाहुति नहीं, बल्कि एक नए युग का सूत्रपात है। यह 140 करोड़ भारतीयों की आस्था और स्वाभिमान का प्रतीक है। मैं दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का हृदय से स्वागत करता हूं।” योगी ने उन सभी ‘कर्मयोगियों’ को बधाई दी, जिन्होंने 500 वर्षों के संघर्ष के बाद इस विजय को संभव बनाया। उन्होंने कहा, “यह ध्वज प्रमाणित करता है कि धर्म की ज्योति अमर है और राम राज्य के सिद्धांत कालातीत हैं।” सीएम ने पीएम मोदी और मोहन भागवत को केसरिया ध्वज का लघु मॉडल और राम लल्ला प्रतिमा भेंट की।
यह समारोह जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर निर्माण का अंतिम चरण था। मंदिर परिसर की दीवारों पर वाल्मीकि रामायण के 87 प्रकरण और भारतीय संस्कृति के 79 कांस्य चित्र उत्कीर्ण हैं। समारोह के बाद दर्शन सामान्य रूप से बुधवार (26 नवंबर) से शुरू होने की संभावना है। अयोध्या में रोड शो, भजन-कीर्तन और भंडारे के माध्यम से उत्सव की धूम मची रही। यह घटना न केवल धार्मिक, बल्कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गई है, जो विवादों से ऊपर उठकर सांस्कृतिक गौरव को मजबूत करती है।

