Auto Expo: ग्रेटर नोएडा में आयोजित चार दिवसीय ऑटो एक्सपो में इस बार मात्र 25 हजार लोग पहुंचे, जबकि प्रवेश पूरी तरह निशुल्क था। पिछले साल 6.63 लाख लोगों ने इस आयोजन में भाग लिया था, और 2020 में 6.08 लाख की भागीदारी हुई थी। इस बार कम भीड़ का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि प्रदर्शनी में दो और चार पहिया वाहनों का अभाव रहा। इस वर्ष मुख्य आयोजन दिल्ली में हुआ, जबकि ग्रेटर नोएडा में केवल इलेक्ट्रिक वाहन, ड्रोन और उन्नत निर्माण उपकरण प्रदर्शित किए गए।
Auto Expo: 2047 तक निर्माण उद्योग का बढ़ता महत्व
इंडियन कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और कैटरपिलर इंडिया के एमडी वी. विवेकानंद ने कहा कि 2047 तक भारत का निर्माण उद्योग दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बनने के लिए तैयार है। वहीं, भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव विजय मित्तल ने भारत की अकादमिक उत्पादकता और पेटेंट दाखिल करने में हुई प्रगति की सराहना की, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं।
प्रदर्शकों की भागीदारी और विशेष प्रदर्शन
19 से 22 जनवरी तक चले इस आयोजन में कुल 120 प्रदर्शकों ने भाग लिया। इसमें एनएमआरसी, डीएमआरसी, यूपीएमआरसी, नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, सीएसआईआर, एयरबस और इंडिगो जैसी प्रमुख कंपनियों ने अपनी नवीनतम तकनीक और उपकरण प्रदर्शित किए।
इस आयोजन में इलेक्ट्रिक वाहनों, ड्रोन और अन्य अत्याधुनिक निर्माण उपकरणों पर विशेष जोर दिया गया। हालांकि, दो और चार पहिया वाहनों की अनुपस्थिति से आम जनता की रुचि प्रभावित हुई।
ऑटो एक्सपो में निशुल्क एंट्री के बावजूद अपेक्षाकृत कम भीड़ इस बात का संकेत देती है कि भविष्य में आयोजन में शामिल विषयों और प्रदर्शनों में विविधता लाने की आवश्यकता है। इससे न केवल उद्योग विशेषज्ञों बल्कि आम जनता का भी ध्यान आकर्षित किया जा सकेगा।
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