नोएडा के इन बिल्डरों पर शिकंजा कसने की तैयारी में प्राधिकरण!
नोएडा। लोकसभा चुनाव चल रहे है लेकिन प्राधिकरण को अब बिल्डरों पर शिकंजा कसने की याद आ गई। चुनाव सम्पन्न होने पर नोएडा प्राधिकरण बकाया जमा नहीं करने और रजिस्ट्री के लिए आगे नहीं आने वाले करीब 30 बिल्डरों पर नकेल कसेगा। इस बाबत प्राधिकरण योजना बना रहा है। बता दें कि सोसाइटियों में निवासियों की ओर से नो रजिस्ट्री नो वोट के बैनर लटकाने के अभियान से प्राधिकरण के अधिकारी घबराए हुए हैं। इस तरह की गतिविधि से यह संकेत जा रहा है कि बिल्डर-खरीदार मामले में शासन और प्राधिकरण कुछ नहीं कर पाए। ऐसे में अब प्राधिकरण सख्त रवैया अपना सकता है।
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मालूम हो कि लोकसभा चुनाव से पहले यूपी सरकार की ओर से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू कर बिल्डर-खरीदार मामले सुलझाने की कोशिश की गई। बिल्डरों को एनजीटी के दो वर्ष और कोविड काल के दो वर्ष के ब्याज पर छूट प्रदान की गई। बिल्डरों को कहा गया कि वह छूट के पैकेज पर साइन करें और 60 दिन के भीतर 25 प्रतिशत राशि जमा कराएं। इस राशि के एवज में उतने ही फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री हो सकेगी।
लेकिन वर्तमान समय तक चंद बिल्डरों ने छूट के पैकेज पर साइन किए और इससे प्राधिकरण के पास करीब 100 करोड़ का बकाया वापस आ पाया, जबकि कोर्ट के मामले को छोड़ दें तो बिल्डरों के पास प्राधिकरण का आठ हजार करोड़ का बकाया है। अगर कोर्ट के मामले को भी शामिल कर लें तो यह बकाया बढ़कर 28 हजार करोड़ का होता है। फिलहाल प्राधिकरण योजना बनाकर कार्रवाई करेगा।
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न बकाया जमा कराए न ही रजिस्ट्री कराई
प्राधिकरण के बुलावे पर करीब 35 बिल्डर आए। पैसे देने और रजिस्ट्री कराने पर सहमति भी दी। लेकिन गिनती के बिल्डरों ने पैसे जमा कराए। गिनती की रजिस्ट्री भी हुई। सोसाइटियों से शुरू करते हुए इंदिरा गांधी कलाकेंद्र में दो दिन की रजिस्ट्री भी हुई। लेकिन यह संख्या कुल 100 से कुछ अधिक रही।