Apple Farming: बुंदेलखंड की तपती जमीन पर पहली मर्तबा किसानों ने शुरू की सेब की खेती

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Apple Farming: हमीरपुर। बुंदेलखंड की तपती जमीन पर अब किसानों ने पहली बार सेब की खेती की तरफ कदम बढ़ाया है। तमाम किसानों ने हिमाचल प्रदेश से पौधे लाकर यहां अपनी फालतू जमीन पर लगाए है जिसमें अब फूल भी आ गए हैं। सेब के पौधों पर फूल खिलने पर किसानों में बड़ी खुशी देखी जा रही है।

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बुंदेलखंड के हमीरपुर समेत आसपास के इलाकों में परम्परागत खेती में हजारों किसानों को हर साल दैवीय आपदा से बड़ा झटका लगता है। पिछले कुछ दशकों से मौसम में आए परिवर्तन के कारण किसानों को खेतीबाड़ी में लागत निकालने के भी लाले पड़ गए है। पिछले साल ही खरीफ की फसलें बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ गई थी जबकि रबी की फसलें तैयार होने से पहले बारिश और ओलावृष्टि से चौपट हो गई थी। इस क्षेत्र के किसानों की आमदनी दोगुनी करने की भलें ही तमाम योजनाएं सरकार चला रही है लेकिन दैवीय आपदा की मार से किसान उबर नहीं पा रहा है। इसीलिए यहां के किसानों ने अब बागवानी और अन्य फसलों की तरफ कदम बढ़ाए है।

बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में किसानों ने पहली बार वैज्ञानिकों की सलाह पर सेब की खेती शुरू की है। पाटनपुर गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान ऋषि शुक्ला ने बताया कि सेब की खेती के लिए बुंदेलखंड का मौसम उपयुक्त है। इसकी खेती में लागत कम आती है लेकिन आमदनी तीन गुना तक होती है। बताया कि हिमाचल प्रदेश से हर्मन-99 प्रजाति के सेब के पौधे लाकर यहां फालतू पड़े खेत में लगाए गए है। यह पौधे काफी बड़े हो गए हैं। इनमें अब फूल भी खिलने लगे हैं। सेब की खेती से आने वाले समय में किसानों की तकदीर बदल जाएगी।

हमीरपुर के गांवों में दस किसानों ने हिमाचल की तर्ज पर शुरू की सेब की खेती
बुंदेलखंड में हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सेब की खेती पहली मर्तबा किसानों ने शुरू की है। हमीरपुर जिले के मौदहा ब्लाक क्षेत्र के पाटनपुर गांव में ऋषि शुक्ला ने हर्मन-99 प्रजाति के सेब के पौधे लगाए है। वहीं कुरारा ब्लाक क्षेत्र के कुतुबपुर गांव में अजय सिंह ने भी सेब की खेती की तरफ कदम बढ़ाए है। ऋषि शुक्ला ने बताया कि जिले में दस किसानों ने पहली बार सेब की खेती शुरू की है। जबकि बुंदेलखंड के बांदा में भी कुछ किसान पहली मर्तबा सेब की खेती कर रहे है। बताया कि अगले साल से सेब की खेती का दायरा भी बढ़ाते हुए एक एकड़ भूमि पर हर्मन-99 प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे।

यूट्यूब से सेब की खेती के तरीके सीखकर किसानों ने बंजर भूमि में शुरू की खेती
बुंदेलखंड के किसानों ने हिमाचल प्रदेश से सेब के पौधे लाकर यहां बंजर जमीन पर रोपित किए हैं। प्रगतिशील किसान ऋषि शुक्ल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर यहां सेब की खेती फिलहाल सीमित दायरे में शुरू की गई है। ढाई सौ रुपये प्रति पौधे की दर से तमाम सेब के पौधे खरीदकर लाने के बाद इसे वैज्ञानिकों की सलाह पर फालतू भूमि पर लगाए गए हैं। पांच मीटर की दूरी पर पौधे लगाकर इसकी देखभाल की जा रही है। अजय सिंह समेत अन्य किसानों ने बताया कि सेब की खेती करने की विधि यूट्यूब से सीखी गई है। सेब के तमाम पौधों में भी फूल आने लगे है। जो देखने में बहुत ही सुन्दर दिखते है।

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हर्मन-99 प्रजाति के सेब की खेती के लिए बुंदेलखंड में तपती जमीन है बड़ी मफीद
सेब की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि एक पौधे में पच्चीस से तीस किलो तक सेब के फल तैयार होंगे। इसकी खेती के लिए बुंदेलखंड की तपती जमीन बड़ी ही मुफीद है। चालीस से पचास डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी हर्मन-99 प्रजाति के सेब से अच्छी उपज मिलेगी। राजकीय कृषि विज्ञान केन्द के वैज्ञानिक डाँ.प्रशांत ने बताया कि यहां के किसानों ने ट्रायल के तौर पर सेब की खेती शुरू की है। जिससे आने वाले समय में इसकी खेती से किसानों की दशा और दिशा बदलेगी। बताया कि सेब में प्रचुर मात्रा में विटामिन बी और सी होता है। इसे खाने से दिमाग, हृदय व पेट के लिए बड़ा ही लाभकारी होता है।

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