आईआईसीसी में एक युग का अंत, जानिए पूरा इतिहास और क्या क्या करता है काम

India Islamic Cultural Centre: आगामी 11 अगस्त को इंडिया इस्लामिक क्लचरल सेंटर का चुनाव होना है। आईआईसीसी के इस चुनाव में कुल चार पैनल है लेकिन खास बात ये है कि इस बार एक युग का अंत हो रहा है। दो दशकों से आईआईसीसी के अध्यक्ष के रूप में सिराज कुरैशी ने जिम्मा संभाला है। अपनी उम्र की वजह से वे इस बार चुनावी मैदान में नही कूद पाए है लकिन कहा जा रहा है कि अपने एक खास को उन्होंने चुनावी मैदान में उतारा है। वही विदेश मंत्री रह चुके सलमान खुर्शीद भी एक बार फिर किसमत आजमा रहे है। सिराज कुरैशी ने डा माजिद अहमद तालिकोटी को समर्थन दिया है। एक पैनल अफजल अमानउल्लाह का है तो डा आसिफ हबीब पैनल और अबरार अहमद भी अपने पैनल के साथ किसमत आजमा रहे है।
आईआईसीसी का गठन

बता दंे कि 14वीं हिजरी का अंत एक महत्वपूर्ण दिन था। जिसे पूरी दुनिया में मुसलमानों ने मनाया। मुस्लिम आबादी के मामले में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के नाते भारत ने भी शताब्दी समारोह में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस आयोजन के महत्व को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने समारोह आयोजित करने के लिए भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति न्यायमूर्ति एम. हिदायतुल्लाह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की। हिजरी युग समारोह समिति ने एक सराहनीय कार्य किया और इस आयोजन के महत्व को उजागर करते हुए कई समारोह आयोजित किए।

एक अंतर्राष्ट्रीय किरात प्रतियोगिता और कई अन्य समारोह आयोजित किए गए। शताब्दी समारोह के दौरान ही राजधानी नई दिल्ली में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर की स्थापना का विचार आया। इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुछ प्रमुख छात्रों सहित भारत की कई प्रसिद्ध हस्तियों ने अहम भूमिका निभाई।
अंततः अप्रैल 1981 में आईआईसीसी नामक एक ‘सोसायटी’ पंजीकृत की गई। सोसायटी यानी इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन के मूल हस्ताक्षरकर्ता थे।

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आईआईसीसी के पहले अध्यक्ष एवं पैनल
(1) जनाब हकीम अब्दुल हमीद – पहले अध्यक्ष के रूप में

(2) मुफ्ती अतीकुर रहमान – उपाध्यक्ष

(3) बदरुद्दीन तैयबजी, आईसीएस – निदेशक

(4) सैयद एस शफी – संयुक्त निदेशक

(5) चैधरी मोहम्मद। आरिफ – सचिव
(6)  एम.डब्लू.के. यूसुफजई – कोषाध्यक्ष
(7) बेगम आबिदा अहमद – सदस्य

एक मोटो के रूप में, भारत सरकार ने लोधी रोड, नई दिल्ली में आईआईसीसी को लगभग 8000 मीटर की एक बेहतरीन भूमि आवंटित की। हमदर्द के प्रसिद्ध हकीम अब्दुल हमीद के कहने पर, इस्लामिक अध्ययन संस्थान ने भूमि की लागत के लिए 10,50,00- रुपये दान किए और स्वर्गीय प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को भारत सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा भवन निधि के लिए 10 लाख रुपये (एक मिलियन) मिले। पुराने ढांचे को ध्वस्त करने के बाद भूमि का कब्जा आईआईसीसी को दिया गया। नई दिल्ली नगर परिषद द्वारा भवन योजनाओं को मंजूरी दिए जाने के बाद, जनवरी 1996 में आईआईसीसी भवन का निर्माण शुरू हुआ।
पीएम इंदिरा गांधी भी थी प्रभावित
भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ऐसी संस्था बनाने के विचार से बहुत प्रभावित हुईं, जो विभिन्न धार्मिक समूहों के लोगों के बीच समझ को बढ़ावा दे सके और राष्ट्रीय एकीकरण के कारण में मदद कर सके। श्रीमती इंदिरा गांधी को 24 अगस्त, 1984 को इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर की आधारशिला रखते हुए दिखाया गया है। 1994 में बेगम आबिदा अहमद की अध्यक्षता में एक नया बोर्ड ऑफ ट्रस्टी चुना गया। श्री मोहम्मद फजल, तत्कालीन सदस्य, योजना आयोग, केंद्र के पहले महानिदेशक बने। बाद में, भारत सरकार के पूर्व सचिव श्री मूसा रजा को केंद्र का महानिदेशक नियुक्त किया गया।

भारतीय और विदेशी दानदाताओं से दान प्राप्त करने के उद्देश्य से, विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम 1976 के तहत मंजूरी और आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80जी (5) (IV) के तहत पंजीकरण प्राप्त किया गया।

 

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