अमृतपाल सिंह ने गिरफ्तारी से पहले दिया गुरूद्वारे में प्रवचन,कहा ये शुरूआत
वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने आज यानी संडे को सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार उसकी गिरफ्तारी मोगा जिले में रोडे गांव के गुरुद्वारे से हुई। गिरफ्तारी से पहले वह गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। पंजाब पुलिस अमृतपाल को बठिंडा से फ्लाइट के जरिए असम की डिब्रूगढ़ जेल ले गई है।
गुरुद्वारे के ग्रंथी ने बताया कि अमृतपाल शनिवार को रोडे गांव पहुंचा था। पुलिस को खबर मिली थी कि वह समर्थकों की भीड़ के साथ आत्मसमपर्ण करना चाहता था। भीड़ जमा होने पर माहौल बिगड़ने की आशंका थी। लिहाजा पंजाब पुलिस की टीम सादे कपड़ों में पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। अमृतपाल पर एनएसए के तहत मामला दर्ज है। वह पिछले 36 दिन से फरार था। उसने 23 फरवरी को अपने एक समर्थक की रिहाई के लिए पंजाब के अजनाला थाने पर हमला किया था। 18 मार्च को पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की थी, लेकिन वह फरार हो गया था।
यह भी पढ़े : रविवार को धोनी दिखा सकते हैं अपने बल्ले का कमाल
इस बार रोडे गांव के गुरुद्वारे में अमृतपाल की मौजूदगी की सूचना मिलने पर अमृतसर के एसपी सतिंदर सिंह और पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के आईजी रविवार सुबह ही गांव रोडे के गुरूद्वारे में पहुंच गए थे। सादी वर्दी में पहुंची पुलिस टीम ने अल सुबह ही अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया।
अमृतपाल ने कहा मेरी गिरफ्तारी अंत नहीं, बल्कि शुरुआत
गिरफ्तारी से पहले रोडे गांव गुरुद्वारे में प्रवचन के दौरान अमृतपाल ने कहा कि यह जरनैल सिंह भिंडरांवाले का जन्म स्थान है। उसी जगह पर हम अपना काम बढ़ा रहे हैं और अहम मोड़ पर खड़े हैं। एक महीने से जो कुछ हो रहा है, वह सब सभी ने देखा है। अगर सिर्फ गिरफ्तारी की बात होती, तो गिरफ्तारी के बहुत तरीके थे। हम सहयोग करते।
अमृतपाल बोला कि दुनिया की कचहरी में हम दोषी हो सकते हैं। सच्चे गुरु की कचहरी में नहीं। एक महीने बाद फैसला किया, इसी धरती पर लड़े हैं और लड़ेंगे। जो झूठी रिपोर्ट हैं, उनका सामना करेंगे। गिरफ्तारी अंत नहीं शुरुआत है।
यह भी पढ़े : दोस्त सऊदी अरब का भारत को मिला साथ, सूडान में फंसे भारतीयों सुरक्षित निकाला
अमृतपाल को जिस रोडे गांव से पकड़ा गया, वहीं जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था। वारिस पंजाब दे का प्रमुख बनने के लिए यहीं उसका दस्तारबंदी समारोह हुआ था। अमृतपाल समर्थकों की भीड़ के साथ यहीं सरेंडर करके शक्ति प्रदर्शन करना चाहता था। इसके लिए रविवार का दिन चुना गया था। उसके करीबियों ने ही पंजाब पुलिस से संपर्क कर आत्मसमपर्ण के बारे में बताया था।