होटल में लगने वाले सर्विस चार्ज पर अस्पष्टता बरकरार

होटल में आये दिन सुना होगा कि सर्विस चार्ज को लेकर विवाद हुआ है। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एक सर्विस पर दो शुल्क लगाए जाने को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन जारी करने की मांग की है। इस संबंध में सीटीआई ने शनिवार (29 जुलाई) को वित्त मंत्री को एक पत्र लिखा है। इस मुद्दे पर सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) आने के बाद सर्विस चार्ज के नाम पर ग्राहक से एक्स्ट्रा चार्ज वसूलना ठीक नहीं है। वैट के समय अलग बात थी, तब कई टैक्स थे। जीएसटी को वन नैशन, वन टैक्स कॉन्सेप्ट पर लाया गया है।

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बृजेश गोयल ने बताया कि कई होटल मालिक सर्विस चार्ज का भुगतान करने या नहीं करने का ऑप्शन ग्राहक की मर्जी पर छोड़ देते हैं। सीटीआई की मांग है कि ये बिल में जुड़ना ही नहीं चाहिए। इस पर वित्त मंत्री को स्पष्ट गाइडलाइन जारी करनी चाहिए। अभी तक पूरा मामला गफलत में है। इसको लेकर आये दिन विवाद भी होते रहते है।

वही दिल्ली हाईकोर्ट ने सर्विस चार्ज से जुड़े नियमों का पालन न करने को लेकर नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। 24 जुलाई कोर्ट ने आदेश में कहा था कि इस जुर्माने का पेमेंट भारत सरकार के उपभोक्ता मामले के विभाग को किया जाए। इस मामले की अब अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी।अगर ग्राहक सर्विस चार्ज नहीं देना चाहते हैं और होटल मालिक जबरदस्ती कर रहा है तो ग्राहक बिल की कॉपी के साथ उपभोक्ता आयोग में ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर 1915 पर भी कॉल कर सकते हैं। इसके बाद होटल के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

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