पुलिस पर फर्जी एंनकाउटर के आरोप, विधायक से परिजनो की न्याय दिलाने की गुहार

 

गौतमबुद्ध नगर में पुलिस आये दिन बदमाशों के साथ मुठभेड़ कर रही है यानि एंनकाएटर। इसी क्रम में थाना नॉलेज पार्क पुलिस देर रात लूटेरों के साथ मुठभेड़ करने का दावा किया। मगर आरोपी के परिजनों ने फर्जी एनकाउंटर करने के आरोप लगाए गए हैं। मुठभेड़ के बाद पकड़े गए युवकों में से एक के परिजनों ने दावा किया कि पुलिस ने शाहरुख नाम के युवक को फर्जी तरीके से फंसाया है। आज सुबह शाहरुख के परिजनों ने इस संबंध में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह से मिलकर शिकायत की। शाहरुख मूल रूप से रबूपुरा का रहने वाला है। शाहरुख के भाई सोनू का दावा है कि पुलिस शाहरुख को उस वक्त उठाकर ले गई जब वह ई रिक्शा चला रहा था ई रिक्शा चलाकर शाहरुख अपने घर का भरण पोषण करता है। डीसीपी ग्रेटर नोएडा अभिषेक वर्मा ने पुलिस मुठभेड़ के बाद कहा कि थाना नॉलेज पार्क क्षेत्र के अंतर्गत 9 जुलाई को कुंडली गांव में मनी ट्रांसफर की दुकान से ₹35000 लूटे गए थे। इस मामले में बलराम और शाहरुख वांछित चल रहे थे। दोनों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। देर रात पुलिस को सूचना मिली थी यह दोनों देर रात किसी सर्राफा दुकान में लूटपाट करने की योजना बनाकर घूम रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने घेराबंदी शुरू की। पुलिस ने संदिग्ध युवकों को बाइक पर सवार देखा तो उनका पीछा किया और पकड़ने की कोशिश की। तभी बलराम और शाहरुख ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। डीसीपी का दावा है कि जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भी गोली चलाई जिसमें दोनों बदमाशों को पैर में गोली लगी। इनका एक साथी फरार है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। इन दोनों के कब्जे से कैश, अवैध असलाह और एक मोटरसाइकिल बरामद की गई है। डीसीपी का कहना है कि मोटरसाइकिल का पता लगाया जा रहा है कि यह चोरी की है या लूट की।

 

परिजनों का दावा दोपहर में उठाकर ले रही थी पुलिस
शाहरुख के भाई सोनू का दावा है कि बीते दिन पुलिस दोपहर करीब 1ः30 बजे उसे उठाकर ले गई थी। उन्होंने उसकी तलाश की लेकिन कोई खबर नहीं मिली । आज सुबह खबर मिली कि नॉलेज पार्क पुलिस ने एनकाउंटर किया है। परिजनों का दावा है कि शाहरुख पर पहले कोई किसी भी तरह का केस दर्ज नहीं है उन्होंने दावा किया कि जो लूटपाट की वीडियो सीसीटीवी फुटेज उन्हें दिखाई गई है उसमें शाहरुख नहीं है उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग उठाई है। जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह से गुहार लगाई कि वह इस मामले में निष्पक्ष जांच कराकर उन्हें न्याय दिलाएं।

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