Bareilly/Halal Township News: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने मुंबई के पास कर्जत में प्रस्तावित ‘हलाल टाउनशिप’ के नामकरण पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने इस तरह के नामकरण को समाज में नफरत और विभाजन फैलाने की साजिश करार दिया है। मौलाना ने कहा कि इस तरह के नामों का उपयोग करके बिल्डर्स समाज को जोड़ने के बजाय तोड़ने का काम कर रहे हैं।
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने अपने बयान में कहा, “मुंबई के पास कर्जत में एक ऐसी टाउनशिप बन रही है, जिसका नाम हलाल टाउनशिप रखा गया है। ‘हलाल’ शब्द का इस तरह प्रयोग करके एक गलत संदेश दिया जा रहा है। यह नामकरण न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने के लिए रक्खा गया है, बल्कि समाज में नफरत और बंटवारे को बढ़ावा देता है। जो बिल्डर्स इस तरह के नाम रख रहे हैं, वे समाज को एकजुट करने के बजाय उसे तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम में ‘हलाल’ शब्द का बहुत ही पवित्र और विशिष्ट अर्थ है, जो शरियत के अनुसार खान-पान और जीवनशैली से जुड़ा है। इसका उपयोग व्यावसायिक या सामाजिक परियोजनाओं के लिए करना अनुचित है और इससे समुदायों के बीच गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं। मौलाना ने बिल्डर्स से इस तरह के नामकरण से बचने और समाज में सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
हलाल टाउनशिप का विवाद
हालांकि, कर्जत में प्रस्तावित इस टाउनशिप के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन मौलाना के बयान ने इस मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह टाउनशिप एक आवासीय परियोजना है, जिसे कुछ बिल्डर्स द्वारा ‘हलाल’ थीम के साथ प्रचारित किया जा रहा है। इस तरह का प्रचार सामाजिक और धार्मिक आधार पर समाज को बांटने का कारण बन सकता है।
मौलाना शहाबुद्दीन ने इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन से भी हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के नामकरण को अनुमति देने से पहले स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इससे सामाजिक सौहार्द पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात का रुख
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात, जो सुन्नी इस्लाम के बरेलवी आंदोलन से जुड़ा एक गैर-सरकारी धार्मिक संगठन है, पहले भी सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर अपनी राय स्पष्ट रूप से रख चुका है। संगठन की स्थापना 17 सितंबर 2022 को बरेली में हुई थी, और मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जमात ने अतीत में विभिन्न मुद्दों, जैसे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 का समर्थन, और हलाल सर्टिफिकेशन के दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
सामाजिक सौहार्द की अपील
मौलाना ने अपने बयान में मुस्लिम समुदाय और अन्य समुदायों से भी अपील की कि वे इस तरह के विवादों से बचें और सामाजिक एकता को मजबूत करने में योगदान दें। उन्होंने कहा, “हमारा देश विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का संगम है। हमें ऐसी किसी भी गतिविधि से बचना चाहिए जो समाज में तनाव पैदा करे।”
इस मुद्दे पर अभी तक बिल्डर्स या स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। यह देखना बाकी है कि इस विवाद का समाधान कैसे निकलता है और क्या इस टाउनशिप का नाम बदला जाएगा।
निष्कर्ष
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी का यह बयान एक बार फिर सामाजिक सौहार्द और धार्मिक संवेदनशीलता के मुद्दे को सामने लाता है। उनके अनुसार, इस तरह के नामकरण न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि समाज में नफरत और विभाजन को भी बढ़ावा देते हैं। यह मुद्दा अब चर्चा का विषय बन गया है, और समाज के सभी वर्गों से इस पर संयम और समझदारी के साथ विचार करने की अपेक्षा की जा रही है।

