मेरठ नगर निगम में पार्षद-नगर आयुक्त विवाद गहराय
meerut news नगर निगम में पार्षदों और नगर आयुक्त के बीच तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है। 23 अगस्त को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अटल सभागार में हुई बोर्ड बैठक में भाजपा पार्षद उत्तम सैनी द्वारा नगर आयुक्त सौरव गंगवार की तुलना बंदर से करने पर भारी हंगामा हुआ था। अपमानजनक टिप्पणी से आक्रोशित नगर आयुक्त सदन छोड़कर चले गए थे और महापौर के बुलाने पर भी वापस नहीं लौटे थे।
घटना से नाराज होकर नगर निगम की तीन यूनियनों के पदाधिकारी कर्मचारियों के साथ धरने पर बैठ गए थे। यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी थी कि पार्षद द्वारा नगर आयुक्त का अपमान किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। बाद में महापौर की अध्यक्षता में अधिकारियों और पार्षदों के बीच हुई वार्ता के बाद धरना स्थगित किया गया था।
इस बीच, 6 सितंबर को होने वाली बोर्ड बैठक से पहले वार्ड 31 के पार्षद कीर्ति घोपला ने फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा है कि अधिकारी मनमाने ढंग से बिल बनाकर सरकारी धन का दुरुपयोग करते हैं। घोपला ने पार्षदों से अपील की है कि वे आगामी बैठक में अपना टिफिन और पानी साथ लाएं।
उन्होंने नगर निगम को ह्यनरक निगमह्ण बताते हुए कहा कि महज दो दिन की बारिश ने शहर को तालाब बना दिया है। नालों की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद शहर की स्थिति जस की तस है। घोपला का आरोप है कि अधिकारी एसी कमरों में बैठकर फाइलों पर हस्ताक्षर करने तक सीमित हैं। बोर्ड बैठक में स्ट्रीट लाइट, गृहकर, कूड़ा निस्तारण जैसे मुद्दों के अलावा लिसाड़ी गेट स्थित इस्लामाबाद का नाम बदलने पर चर्चा प्रस्तावित है। पार्षद बढ़े हुए गृहकर वसूली को लेकर पहले से ही असंतुष्ट हैं। इसके साथ ही कार्यकारिणी में शहर के प्रमुख मार्गों की मैनुअल व मशीनों से सफाई व्यवस्था ठेके पर देने, वीडियो से गोबर कलेक्शन व निस्तारण के लिए एजेंसी का चयन और कंकरखेड़ा क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए फर्म के चयन से जुड़े प्रस्तावों पर भी चर्चा होनी है।
नगर निगम की आगामी बैठक में पार्षदों और नगर आयुक्त के बीच टकराव एक बार फिर उभरने की आशंका जताई जा रही है।
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