Bareilly News: यूपी के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ को लेकर हुए विवाद के बाद आज जुमे की नमाज से पहले हाई अलर्ट कर दिया गया है। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए जुमे की नमाज के दौरान शांति बनाए रखने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पूरे शहर को छावनी में तबदील कर दिया गया है। इस दौरान ड्रोन से हवाई निगरानी, शहर को चार विशेष जोनों में विभाजन और भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती शामिल है। इंटरनेट सेवाओं को 48 घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया है ताकि अफवाहें फैलने से रोकी जा सकें।
26 सितंबर को हुई थी हिंसा
पिछले हफ्ते 26 सितंबर को बरेली के कोतवाली क्षेत्र में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा की घटना ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर को लेकर मस्जिद के बाहर जमा भीड़ ने पत्थरबाजी की, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए। इस घटना में 80 से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें प्रमुख मौलवी तौकीर रजा खान और उनके सहयोगी शामिल हैं। दशहरा उत्सव की तैयारियों के बीच जुमे की नमाज को संवेदनशील मानते हुए मंडलायुक्त भूपेंद्र सिंह चैधरी ने बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत और बुदौन के चार जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया है।
बरेली को चार विशेष जोन में बांट
सुरक्षा के मद्देनजर बरेली शहर को चार विशेष जोनों में बांट दिया गया है, जहां प्रत्येक जोन में एक एसपी, दो सीओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तैनात हैं। संवेदनशील इलाकों में आठ ड्रोन तैनात किए गए हैं, जो मस्जिदों, छतों और सड़कों पर नजर रखेंगे। विशेष रूप से छतों पर पत्थर या अन्य हथियारों की तलाशी ली जा रही है, और ऐसी स्थिति में तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी।
8,500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात
बता दें कि शहर में लगभग 6,000 और पूरे जिले में 8,500 से अधिक पुलिसकर्मी, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) तथा रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवान तैनात हैं। अन्य जिलों से अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई है, जो 4 अक्टूबर तक बरेली में डेरा डालेगी। महिलाओं की क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) और विशेष संचालन समूह (एसओजी) की छह टीमें भी सक्रिय हैं। फ्लैग मार्च, सीसीटीवी और कंट्रोल रूम से पैनी नजर रखी जा रही है।
सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी
इस बीच जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। गृह विभाग के आदेश पर 2 अक्टूबर दोपहर 3 बजे से 4 अक्टूबर दोपहर 3 बजे तक मोबाइल डेटा, ब्रॉडबैंड और एसएमएस सेवाएं बंद हैं। इसका उद्देश्य फेसबुक, यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अफवाहें या उकसावे वाली सामग्री फैलने से रोकना है। अली हजरत एसोसिएशन ने मुसलमानों से अपील की है कि नमाज के बाद शांतिपूर्वक घर लौटें और कोई प्रदर्शन न करें।
विपक्षी नेताओं पर नजर
पुलिस कोई बवाल न हो इसके लिए विपक्षी नेताओं पर भी नजर रखी रही है। आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद और कांग्रेस के कुछ नेताओं को घर में नजरबंद कर दिया गया है ताकि कानून-व्यवस्था बिगड़ने न पाए। पुलिस ने चेतावनी दी है कि शरारती तत्वों पर सख्त कार्रवाई होगी, जिसमें संपत्ति जब्ती और विध्वंस शामिल है।

