Air pollution in Delhi-NCR: नोएडा में प्रदूषण के कारण स्कूलों की कक्षाएं ऑनलाइन-हाइब्रिड मोड में, कुछ स्कूलों ने पूरी तरह बंद करने का फैसला लिया

Air pollution in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-4 को लागू किया गया है। इसके तहत गौतम बुद्ध नगर जिले (नोएडा और ग्रेटर नोएडा) में स्कूलों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिला प्रशासन के आदेश अनुसार, प्री-नर्सरी से कक्षा 5 तक की सभी कक्षाएं पूरी तरह ऑनलाइन मोड में आयोजित की जा रही हैं, जबकि कक्षा 6 से 12 तक हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) अपनाया गया है। यह आदेश 14 दिसंबर 2025 से लागू है और वायु गुणवत्ता सुधारने तक जारी रहेगा।

हालांकि, सरकारी दिशा-निर्देशों के बावजूद स्कूलों में अमल असमान रहा है। कुछ स्कूलों ने पूरी तरह कक्षाएं बंद कर दी हैं, जबकि अधिकांश ने ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड अपना लिया है। छोटे बच्चों के लिए कई स्कूल प्रिंसिपलों ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं है, क्योंकि छोटे बच्चे स्क्रीन पर ध्यान नहीं दे पाते और अभिभावक भी सहयोग नहीं कर पाते। एक स्कूल प्रिंसिपल ने बताया, “कक्षा 5 तक के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना मुश्किल है, इसलिए हमने स्कूल पूरी तरह बंद रखने का फैसला लिया है।”

दिल्ली-एनसीआर में AQI स्तर 400 से ऊपर ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुंच गया है, नोएडा में तो यह 450-500 के पार दर्ज किया गया। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा है, खासकर छोटे बच्चों की फेफड़ों पर। GRAP-4 के तहत निर्माण कार्य, डीजल ट्रकों की एंट्री और अन्य प्रदूषण स्रोतों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

जिला निरीक्षक (स्कूल्स) राजेश कुमार सिंह ने कहा, “GRAP-4 के तहत प्री-नर्सरी से कक्षा 5 तक पूरी तरह ऑनलाइन और ऊपरी कक्षाओं के लिए हाइब्रिड मोड अनिवार्य है। इससे बच्चों को प्रदूषित हवा से बचाया जा सकेगा।” कोचिंग सेंटरों पर भी यही नियम लागू हैं।

अभिभावकों में मिश्रित प्रतिक्रिया है। कुछ ने राहत महसूस की, तो कुछ को ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था में दिक्कत हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियां बढ़ रही हैं, इसलिए यह कदम जरूरी है।

प्रशासन स्थिति की नियमित समीक्षा कर रहा है और हवा साफ होने पर नए निर्देश जारी करेगा।

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