Air India Case: शंकर के खिलाफ FIR न कराने को किया था मजबूर
Air India Case:एयर इंडिया में उड़ान के दौरान पेशाब की घटना की पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसे आरोपी का सामना करने और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए बातचीत को मजबूर किया गया था। जिस व्यक्ति पर नवंबर में एयर इंडिया की उड़ान में एक महिला सह-यात्री पर पेशाब करने का आरोप है, उसने उससे माफी मांगी और शिकायत दर्ज नहीं करने का अनुरोध किया, यह दावा करते हुए कि वह नहीं चाहता था कि इस घटना का उसकी पत्नी और बच्चे पर प्रभाव पड़े। पीड़िता की शिकायत एयर इंडिया को देने के चलते दिल्ली पुलिस ने बुधवार को आरोपी के खिलाफ एफआईआर की। एफआईआर के अनुसार, पीड़िता ने दावा किया कि उसकी अनिच्छा के बावजूद, उसे आरोपी का सामना करने और उसके साथ मोलभाव करने के लिए मजबूर किया गया, जिसने उसे और भ्रमित कर दिया। प्राथमिकी में कहा गया है कि दोपहर के भोजन के तुरंत बाद और 26 नवंबर को एआई 102 पर रोशनी बंद कर दी गई थी, नशे में धुत पुरुष यात्री बिजनेस क्लास सीट 8ए में बुजुर्ग महिला की सीट पर गया, अपनी पैंट की जिप खोली और उस पर पेशाब किया। वह तब तक वहीं खड़ा रहा जब तक कि महिला के बगल में बैठे व्यक्ति ने उसे वापस जाने के लिए नहीं कहा, जिस बिंदु पर वह लड़खड़ाते हुए अपनी सीट पर वापस आ गया।
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नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया से पिछले महीने एयरलाइन की पेरिस-नई दिल्ली उड़ान में एक महिला यात्री के कंबल पर कथित तौर पर पेशाब करने की घटना पर एक रिपोर्ट मांगी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। विमानन कंपनी ने इस घटना की जानकारी विमानन नियामक को नहीं दी थी। एअर इंडिया ने छह दिसंबर को हुई इस घटना की बृहस्पतिवार को पुष्टि की थी। एअर इंडिया की उड़ान के दौरान 10 दिनों से भी कम समय में इसी तरह की यह दूसरी घटना थी। इससे पहले पिछले साल 26 नवंबर को नशे में धुत एक व्यक्ति ने एयरलाइंस की न्यूयॉर्क-नई दिल्ली उड़ान की बिजनेस श्रेणी में 70 साल से ज्यादा उम्र की एक महिला सह-यात्री पर कथित तौर पर पेशाब किया था।
डीजीसीए को इस घटना की भी जानकारी नहीं दी गई थी जिसे लेकर नियामक ने एयरलाइंस से नाराजगी भी जाहिर करते हुए उसके आचरण को गैर पेशेवराना बताया था। डीजीसीए ने विमानन कंपनी, उसके निदेशक, इन-फ्लाइट सर्विसेज और न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान का संचालन करने वाले चालक दल के सदस्यों को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के अंदर यह बताने को कहा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। डीजीसीए सूत्रों के अनुसार, एक एयरलाइन किसी भी घटना की सूचना तुरंत विमानन सुरक्षा नियामक को देने के लिए बाध्य है।