सेंसर और यूवी किरणों से युक्त ड्रोन के साथ टीम सी-130 हरक्यूलिस विमान से वायनाड रवाना
ghaziabad news केरल के वायनाड में भूस्खलन के बाद फंसे लोगों को वायुसेना ड्रोन के जरिए खोजेगी। सेंसर और यूवी किरणों से युक्त ड्रोन के साथ हिंडन एयरबेस से शुक्रवार को टीम सी-130 हरक्यूलिस विमान से रवाना हुई। वायुसेना ने पहले भी राहत सामग्री और बचाव टीम भेजी थी, जो वायनाड में लगातार बचाव कार्य कर रही है।
वायनाड में आई आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए वायुसेना अब विशेष ड्रोन का सहारा लेगी। जानकारी के मुताबिक, केरल सरकार ने भारतीय वायुसेना और केरल की एक ड्रोन कंपनी से मदद मांगी थी। इस कंपनी का ड्रोन मिट्टी या मलबे में दबे लोगों का पता लगाता है। कंपनी के संस्थापक सदस्य राजीव रॉय भी यहां पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि फिलहाल चार ड्रोन भेजे जा रहे हैं। ड्रोन सेंसर और यूवी रेज से युक्त हैं, जो मैंपिंग के अलावा जमीन के अंदर दो से तीन मीटर नीचे तक का पता लगा सकते हैं। जरूरत के हिसाब से इनकी यह क्षमता 80-90 मीटर तक बढ़ाई जा सकती है। कंपनी के ड्रोन का इस्तेमाल कारवार और तीस्ता आपदा में भी सेना कर चुकी है।
ड्रोन के जरिए 48 घंटे चलेगा बचाव अभियान
वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक हिंडन एयरबेस से पहला सी-130 पांच सदस्यीय टेक्निकल टीम को लेकर कालीकट के लिए रवाना हुआ है। यहां से उन्हें वायनाड भेजा जाएगा। टीम में शामिल सदस्यों ने बताया कि ड्रोन के जरिये बचाव अभियान 48 घंटे का रहेगा। प्रभावित क्षेत्र के हिसाब से जरूरत पड़ी तो अभियान की अवधि बढ़ाई जाएगी। वायुसेना की कई टीम वायनाड में मौजूद हैं, जो पहले से ही श्वान दस्ता और बेली ब्रिज के जरिये मलबे में फंसे लोगों को खोज रही है। इन टीमों में मेडिकल टीम भी शामिल है, जो मौके पर ही लोगों को उपचार देकर उनकी जान बचा रही है।
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