भाकियू उपाध्यक्ष टीनू चौधरी के नेतृत्व में मंडोला के सैकड़ों किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम DM को सौपा ज्ञापन, किया ऐलान
सरकार ने किसानों की समस्याओं का जल्द निस्तारण नहीं किया तो भाकियू 18 September के बाद करेगी जिला मुख्यालय पर देगी अनिश्चितकालीन धरना , करेगी महापंचायत
गाजियाबाद। लोनी तहसील के गांव मंडोला में चल रहे किसान सत्याग्रह आंदोलन मंडोला समेत छह गांव के किसानों की समस्याओं को लेकर Bharatiya Kisan Union (BKU) के जिला उपाध्यक्ष टीनू चौधरी (दुहाई) के नेतृत्व में लोनी अंतर्गत मंडोला के सैकड़ों किसानों भाकियू पदाधिकारियों ने डीएम राकेश कुमार सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी को ज्ञापन सौपा । टीनू चौधरी ने बताया कि किसानों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा है कि आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना परिषद की गलत नीतियों के विरोध में आवास विकास के कार्यालय पर 2 दिसम्बर -20 16 से निरंतर अपनी समस्याओं को लेकर धरनारत हैं।
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Bharatiya Kisan Union (BKU):
2009 में उपरोक्त योजना को लेकर उच्च न्यायालय व यूपी सरकार के जरिए स्थगित किए जाने पर भाकियू के जरिए धरना प्रदर्शन के बाद सरकार ने मेरठ मंडल आयुक्त को संदर्भित करते हुए, किसानों के हक में शासनादेश जारी किए गए थे। जिन पार आज तक कोई अमल नहीं हुआ है। जिला मुख्यालय पर प्रशासन, तहसील प्रशासन और आवास विकास परिषद मंडोला विहार के अधिकारियों और धरनारत किसानों के बीच 1 फरवरी 2023 को वार्ता हुई थी। जिसमे अधिकारियों ने शासन स्तर पर प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में सक्षम मध्यस्थता कमेटी बनाकर समाधान कराने का आश्वासन भी दिया था। और डीएम के 15 दिन का समय मांगने पर,किसानों ने मंडोला में सत्याग्रह आंदोलन को स्थगित कर दिया था। डीएम के जरिए दिए गए नियत समय बीतने पर, भाकियू के नेतृत्व में किसान सत्याग्रह आंदोलन मंडोला के किसानों ने आवास परिषद पर प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया था। लेकिन प्रदर्शन के दौरान भी किसानों को झूठे आश्वासन ही मिले।
Bharatiya Kisan Union (BKU):
उन्होने बताया कि 20 अगस्त 2023 को किसान सत्याग्रह आंदोलन मंडोला के किसानों ने संयुक्त बैठक में निर्णय लिया कि यदि सरकार ने किसानों की समस्याओं का निस्तारण जल्द नहीं करती है तो मंडोला के किसान 18 सितंबर को लखनऊ में आयोजित भाकियू की महापंचायत के बाद भाकियू के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना ,प्रदर्शन कर महापंचायत का आयोजन करेंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी।