पीएम ओली के इस्तीफे के बाद सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल बने प्रमुख संकट प्रबंधक

Nepal Crisis News: नेपाल में भारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच नेपाली सेना के प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने संकट की कमान संभाल ली है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद उत्पन्न शून्यता में सिग्देल ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए शांति और संवाद की अपील की है। ‘जन जेड’ (Gen Z) प्रदर्शकारियों द्वारा भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ छेड़े गए हिंसक आंदोलन ने देश को अराजकता की कगार पर ला खड़ा किया है, जिसमें 22 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं।

संकट की पृष्ठभूमि
नेपाल में सोमवार से शुरू हुए प्रदर्शन तेजी से हिंसक हो गए। युवा प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार, सरकारी अक्षमता और प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। काठमांडू में संसद भवन में आग लगा दी गई, शीर्ष नेताओं के घरों पर हमले हुए और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा। पुलिस ने आंसू गैस और बल प्रयोग किया, जिससे हिंसा और भड़क गई। प्रधानमंत्री ओली पर दबाव बढ़ा और मंगलवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना प्रमुख सिग्देल ने ही ओली को स्थिति नियंत्रित करने के लिए इस्तीफा देने की सलाह दी थी। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी इस्तीफे की अटकलों के बीच चुप्पी साध रखी है।

जनरल सिग्देल कौन हैं?
जनरल अशोक राज सिग्देल नेपाल के 45वें सेना प्रमुख (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) हैं, जिन्होंने 9 सितंबर 2024 को पदभार संभाला। 1 फरवरी 1967 को रुपंदेही जिले में जन्मे सिग्देल ने 1987 में नेपाली सेना में कमीशन प्राप्त किया। वे एक पूर्व राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर, ताइक्वांडो खिलाड़ी और टेबल टेनिस चैंपियन भी रह चुके हैं। सिग्देल ने नेपाल, चीन और भारत में प्रशिक्षण लिया है, जिसमें चीन की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से स्ट्रेटेजिक स्टडीज में मास्टर्स और भारत के आर्मी वॉर कॉलेज से डिफेंस मैनेजमेंट कोर्स शामिल हैं।

उनके करियर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं, जैसे काउंटरइंसर्जेंसी एंड जंगल वॉरफेयर स्कूल के कमांडेंट, ब्रिगेड और डिवीजन कमांडर, मिलिट्री ऑपरेशंस के डायरेक्टर, स्टाफ ड्यूटीज के डीजी और कोआस के मिलिट्री असिस्टेंट। 2019 में कोविड संकट प्रबंधन केंद्र का नेतृत्व किया, 2022 में यूएस-नेपाल लैंड फोर्स टॉक्स में नेपाली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में यूगोस्लाविया, ताजिकिस्तान और लाइबेरिया में सेवा भी दी है। दिसंबर 2024 में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें भारतीय सेना के सम्मानित जनरल रैंक से नवाजा। सिग्देल पत्नी नीता सिग्देल के साथ रहते हैं और उनका बेटा आशुतोष स्नातकोत्तर कर रहा है।

सेना प्रमुख की अपील और भूमिका
मंगलवार शाम को वीडियो संदेश जारी कर सिग्देल ने कहा, “वर्तमान कठिन स्थिति को सामान्य बनाना और ऐतिहासिक व राष्ट्रीय धरोहर, सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति, आम नागरिकों, राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।” उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा रोककर संवाद के लिए आगे आने की अपील की और कहा कि सेना राष्ट्र की एकता, अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सेना ने चेतावनी दी कि रात 10 बजे के बाद हिंसा जारी रही तो सेना और सुरक्षा बलों को पूरे देश में तैनात किया जाएगा।
सिग्देल के संबोधन के दौरान पृष्ठभूमि में नेपाल के संस्थापक राजा पृथ्वीनारायण शाह की तस्वीर लगी थी, जिसे कुछ विश्लेषकों ने राजशाही की बहाली की ओर इशारा मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा जोरों पर है, जहां कुछ लोग राजा ज्ञानेंद्र शाह की वापसी की मांग कर रहे हैं। सेना ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पर खेद जताया और सभी पक्षों से शांति बनाए रखने को कहा।

आगे की स्थिति
ओली कैबिनेट नई सरकार गठन तक कार्यवाहक के रूप में जारी रहेगी, लेकिन संकट गहरा रहा है। सेना प्रमुख सिग्देल की अगुवाई में सुरक्षा बल सतर्क हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और चीन की नजरें टिकी हैं, खासकर ओली के इस्तीफे को चीन-समर्थक नेता के पतन के रूप में देखा जा रहा है। सिग्देल के नेतृत्व में ही नेपाल इस संकट से उबरने की उम्मीद है, लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांगें पूरी न होने पर स्थिति और बिगड़ सकती है।

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