Greater Noida:आखिर क्यो भिडे एसआई और कांस्टेबल , जानें
लोग सौचते है कि पुलिस वालों का आपस में अच्छा तालमेल होता है। पर ऐसा नही है एक सिपाही ने एसआई यानि दरोगा पर पड़ताड़ित करने के आरोप लगाए है। विवाद इतना बढा कि अब नोएडा कमिश्नरेट पुलिस को सफाई देनी पड़ी है। दरअसल बवाल इस लिए मचा कि सिपाही ने लिखा कि बिसरख मोड औद्योगिक चैकी छपरोला कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर पर तैनात एसआई मितेंद्र सिंह पुत्र मेहर सिंह निवासी जिला अमरोहा कल दिनांक 12दिसंबर को मै कॉन्स्टेबल 1399 अंकित कुमार व्यायाम जिम करके ग्राम गिरधारपुर से अपने निवास पर लौट रहा था। तभी सामने से एसआई मितेंद्र सिंह व उनके हमराही ने मुझ सिपाही की गाड़ी रुका ली और बोलने लगे की गाड़ी में ये लाइट क्यों लगाई हुई है। ये हवाबाजी यहां नही चलेगी 2 उपद में भूत उतार जाएगा तेरा । उनके पास आते ही मेने जय हिंद बोला जिसका उनके द्वारा कोई उत्तर नही दिया गया । इसके विपरीत मेरी गाड़ी में कोई लाइट ऑन नही थी मेरे द्वारा उनको बताया गया की मै भी स्टाफ से हूं और गाजियाबाद यातायात पुलिस में तैनात हूं। इस पर दरोगा जी और भड़क गए उनके द्वारा मुझसे बदसलूकी की गई और बहुत ही गुस्से में ये बोला गया की आज के बाद इस चैराहे पर दिख मत जाना। ये मेरा इलाका है अगर दिखाई दिया तो गाड़ी ेमम्र कर दूंगा और जेल भेज दूंगा इस पर मेने उनसे पूछा की किस बेस पर आप गाड़ी में करोगे मेने क्या गलती की है मेरे सभी कागजात गाड़ी के पूरे है । इस बात पर कहने लगे की तू जानता नही है यहां कमिश्नरी है सबक सिखा दूंगा अपने अधिकारी का नाम बता अपना पीएनओ बता नाम बता मेने सारी इनफॉर्मेशन उनको दे दी। क्या मेरे द्वारा स्टाफ बताए जाने के बाद भी ये बाते जरूरी थी, लगा कि जैसे की मेने कोई जुर्म कर दिया हो इन महाशय में वर्दी की इतनी गर्मी चढ़ गई है की अब ये स्टाफ के साथियों को भी नही बखसेगे चाहे उनकी गलती हो या फिर ना हो और महाशय की खुद की गाड़ी का पोलूशन खत्म हो चुका है जिसका नंबर यूपी 23 7550 है और नंबर प्लेट भी खराब है इसके बाद भी यह दूसरों को ज्ञान दे रहे हैं । मैं कांस्टेबल अंकित कुमार इस बात से काफी आहत हूं यह कृत्य मैं आप लोगों को शेयर कर रहा हूं अगर इन दरोगा जी का कोई भाई जानकार हो तो यह बात इन तक पहुंचा देना पहले यह खुद को सुधारें फिर दूसरों को बोले। मैं भी इस विभाग का 6 साल से हिस्सा हूं । अगर ये किसी स्टाफ को सम्मान नही दे सकते तो खुद के लिए भी उम्मीद न रखे।
वही कमिश्नरेट नोएडा की ओर से जारी बयान में कहा कि कल दिनांक 12.12.2022 को थाना बादलपुर क्षेत्र के अंतर्गत रात्रि 08 बजे बजे थाना प्रभारी बादलपुर पुलिस बल के साथ गिरधरपुर चैराहे से ग्राम गिरधरपुर जा रहे थे तभी रास्ते में गिरधरपुर की तरफ से एक गाडी यूपी 32 के जेड 6760 आती हुयी दिखाई दी जिस पर लाल नीली फ्लैशिंग लाइट लगी हुयी थी, जो गाजियाबाद ट्रेफिक पुलिस में तैनात आरक्षी अंकित कुमार चला रहा था। पुलिस द्वारा गाडी रूकवाकर फ्लैशिंग लाइट के सम्बन्ध में पूछा गया तो उक्त आरक्षी द्वारा गाडी पर फ्लैशिंग लाइट लगाने पर गलती स्वीकार करते हुये भविष्य में फ्लैशिंग लाइट न लगाने का अनुरोध किया, जिस पर पुलिस द्वारा आरक्षी अंकित कुमार को भविष्य में फ्लैशिंग लाइट न लगाने की हिदायत देते हुये छोडा गया।’ ’आरक्षी वाहन चालक अंकित कुमार द्वारा लगाये गये आरोप असत्य है। जांच एवं अन्य आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। ेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे