मुआवजे का ब्यौरा
• 1.20 लाख रुपये – प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-Grameen) के तहत
• 60,000 रुपये – मनरेगा (MGNREGA) के तहत श्रम और पुनर्निर्माण के लिए (जो लाभार्थी परिवार को ही रोज़गार के रूप में मिलेगा)
यह राशि 5 दिसंबर से पहले चेक के ज़रिए वितरित की जाएगी। सरकार ने इसके लिए एक बड़ा राज्य-स्तरीय समारोह आयोजित करने की योजना बनाई है, जो ज़िला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों से ठीक पहले होगा।
कितने आवेदन आए, कितनों को मिलेगा मुआवजा?
सरकार को कुल 35,000 दावे प्राप्त हुए थे, जिनमें से सत्यापन के बाद 30,000 परिवारों को अंतिम रूप से चुना गया है।
SDRF नियमों से कहीं ज्यादा मदद
राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के मौजूदा नियमों के अनुसार क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 40,000 से 1.20 लाख रुपये तक ही मुआवजा मिलता है। लेकिन पंजाब सरकार ने पहले केंद्र से सभी प्रभावित परिवारों को 1.20 लाख रुपये देने की मांग की थी। अब राज्य अपने संसाधनों और केंद्री योजनाओं को जोड़कर 1.80 लाख रुपये तक की सहायता दे रही है।
बाढ़ से कुल नुकसान का अनुमान
सरकार ने शुरुआती आकलन में बाढ़ से कुल 12,905 करोड़ रुपये का नुकसान बताया था, लेकिन केंद्र से अभी तक कोई विशेष पैकेज नहीं मिला है। विभिन्न विभागों ने अपनी-अपनी क्षति का बता कर मांग की है:
• ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग – 3,554 करोड़
• राजस्व विभाग (फसल व घरों का नुकसान) – 2,782 करोड़
• लोक निर्माण विभाग (सड़कें-पुल) – 1,970 करोड़
• जल संसाधन विभाग – 1,520 करोड़
• मंडी बोर्ड (ग्रामीण सड़कें) – 1,022 करोड़
• स्वास्थ्य विभाग – 780 करोड़
• शिक्षा विभाग (7,213 स्कूल क्षतिग्रस्त) – 547 करोड़
• पशुपालन विभाग (1,371 भैंस-गाय, 1.75 लाख मुर्गियां मरीं) – 129 करोड़
कुल मिलाकर सभी विभागों ने करीब 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मांग केंद्र से की है, लेकिन अभी तक कोई राशि नहीं आई है। ऐसे में पंजाब सरकार ने अपने स्तर पर सबसे ज्यादा मुआवजा देने का फैसला किया है ताकि लोग जल्द से जल्द अपने घर दोबारा बना सकें।
यह कदम आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए अब तक की सबसे बड़ी राहत घोषणा मानी जा रही है।

