गाजियाबाद। खाद्य सामग्रियों में मिलावटखोरी कर उसे बेचकर मुनाफा कमाने वाले मिलावटखोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं मिलावटखोरी रोकने के लिए खाद्य विभाग ने भी अपना हंटर चलाना शुरू कर दिया है। ऐसे ही मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने 25 मिलावटखोरों पर 25.65 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए इनसे वसूली की है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के तहत गठित न्यायालय में अधोमानक, मिथ्याछाप, नियमों का उल्लंघन आदि के विरूद्ध वाद दायर किया जाता है। जून माह में एडीएम सिटी गंभीर सिंह की न्यायालय में जिले के 25 वादों को लेकर दायर किए गए वाद में कोर्ट ने 25.65 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
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सहायक आयुक्त (खाद्य) ग्रेड-सेकेंड विनीत कुमार ने बताया कि खाद्य पदार्थों में मिलावट खोरी करने वाले 25 प्रतिष्ठानों पर कोर्ट ने यह 25.65 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया हैं। इनसे जल्द वसूली की जाएगी। जुर्माना लगाए गए इन प्रमुख प्रष्ठिानों में इंदिरापुरम के न्यायखंड-3 स्थित राज महल सुपर मार्ट-खाद्य सामग्री हल्दी पाउडर,जुर्माना लगाया 20 हजार रुपए,मैसर्स सागर मार्ट घंटाघर-सामग्री-पेरी-पेरी,जुर्
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क्या कहते हैं खाद्य विभाग के सहायक आयुक्त
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त खाद्य विनीत कुमार ने बताया कि फर्म के खाद्य सामग्री के नमूने लेकर लैब को भेजे गए थे। लैब से सैंपल फेल आने के बाद वाद दायर कर जुर्माना लगाया गया हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष-2023-24 में जून माह तक खाद्य सामग्री के कुल 122 नमूने लिए गए। इसमें दूध के 21 नमूने लिए गए। इसी प्रकार अन्य खाद्य पदार्थों एवं मसालों की जांच रिपोर्ट में अधोमानक, मिथ्याछाप व असुरक्षित रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं। जून माह तक कुल 156 वाद कोर्ट में दायर किए गए। इनमें से 47 वाद का निस्तारण किया गया। इन पर कुल 38 लाख 55 हजार रुपए का जुमार्ना अर्थदंड के रूप में अधिरोपित किया गया है। मिलावटखोरों से यह जुर्माना राशि को जल्द राजकोष में जमा कराने की कार्रवाई की जा रही हैं।