मणिपुर पर बोले अधीर रंजन: जहां राजा अंधा, वहां द्रौपदी का चीरहरण, अमित शाह ने बीच में रोका

लोकसभा में लगातर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अधीर रंजन चैधरी और अमित शाह आमने सामने आ गए। कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने मणिपुर हिंसा पर कहा कि जहां राजा अंधा, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है। इन वक्यो पर अमित शाह ने आपत्ति जताई। उन्होंने स्पीकर से कहा पीएम के लिए ऐसे बयान देना गलत है। इन्हें कंट्रोल किया जाए और अधीर को बीच में रोकने की कोशिश की।

वहीं, विपक्ष ने वॉकआउट किया, हालांकि कुछ मिनट बाद ही वह सदन में वापस आ गए। इस पर सिंधिया ने तंज किया- लो ये वापस आ गए। आपका स्वागत है। देश की जनता ने इन्हें बाहर का दरवाजा दिखा दिया है और ये अब सदन से भी खुद ही बाहर जा रहे हैं। इन्हें अपने अविश्वास प्रस्ताव पर स्वयं ही विश्वास नहीं है। विचित्र स्थिति है कि जिनके कभी दिल नहीं मिलते, वो दल मिल चुके हैं। जिनके इतिहास में वैचारिक या व्यावहारिक या सैद्धांतिक संबंध ना हो, वो लोकसभा चुनाव के लिए एक साथ आए हैं और लोकतंत्र बचाओ की बात कर रहे हैं।

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अगर भारत के इतिहास के काले पन्ने पलटें तो मैं पूछना चाहता हूं कि 1964 बंगाल दंगे के समय ये मौन क्यों थे। 84 के सिख दंगों के समय ये मौन क्यों थे। 1987 के मेरठ दंगों के वक्त मौन क्यों थे। 1990 से 30 साल तक कश्मीर में 40 हजार लोगों की मौत हुई तब ये मौन क्यों थे। अधीरजी का जो शब्द था- हर सुबह नई विधवाएं रोती हैं, बच्चे रोते हैं, नए घर बनते हैं। तब ये सरकार में मूकदर्शक बनकर देख रहे थे।

वो प्रधानमंत्री हैं, कोई परमात्मा नहीं

हालांकि इससे पहले दोपहर 2 बजे लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की इकोनॉमी पर स्पीच दी थी। इसके बाद एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में कहा- कल गृहमंत्री ने भारत छोड़ो आंदोलन का जिक्र किया था। अगर इन्हें पता चल जाए कि भारत छोड़ोश् का नारा एक मुसलमान ने दिया था तो अमित शाह भी नहीं बोलेंगे। मैं पीएम से पूछना चाहता हूं कि क्या देश बड़ा है या हिंदुत्व गोलवलकर की विचारधारा बड़ी है। उधर, मणिपुर मुद्दे पर राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी को बुलाने को लेकर विपक्ष ने नारेबाजी की। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हम पीएम को बुलाना चाहते हैं, लेकिन भाजपा वाले कहते हैं कि वो नहीं आएंगे। वो क्यों नहीं आएंगे, वो आ जाएंगे तो क्या हो जाएगा। वो प्रधानमंत्री हैं, कोई परमात्मा नहीं।

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