पूर्व केंद्रीय मंत्री की बेटी ने लोहा कारोबारी आनंद प्रकाश और न्यूज पोर्टल के संचालक पर दर्ज कराया केस
ghaziabad news पूर्व थल केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की बेटी ने कारोबारी पर 3.48 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए कविनगर थाने में केस दर्ज कराया है। आरोप है कि कारोबारी ने मकान का सौदा कर रकम हड़प ली और बैनामा नहीं किया।
पुलिस का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की बेटी योगजा सिंह का कहना है कि उन्होंने कारोबारी आनंद प्रकाश से राजनगर सेक्टर-दो स्थित उनके मकान का सौदा साढ़े पांच करोड़ रुपए में किया था। वर्ष 2014 में दस लाख रुपये बतौर बयाना दिए। इसके बाद मकान के रिनोवेशन के नाम पर साढ़े चार लाख रुपये के चेक ले लिए गए। 15 जुलाई को कारोबारी ने मकान पर कब्जा दिया था। योगजा सिंह के मुताबिक, उन्हें मकान पर लोन कराने के लिए वर्ष 2017 में दोनों के बीच एक अनुबंध हुआ था। इसके बाद उन्होंने आनंद प्रकाश के खाते में 33.50 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। वर्ष 2018, 2019 और 2023 में एक-एक करोड़ रुपये और ट्रांसफर कर दिए। योगजा सिंह का कहना है कि बैंक से दो करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत होने के बाद आनंद प्रकाश से मकान की रजिस्ट्री कराने को कहा तो उन्होंने बीती 16 अगस्त को गलत तथ्यों के आधार पर एक नोटिस भिजवा दिया। उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से उक्त नोटिस का जवाब भिजवा दिया था।
बेदखली का वाद दायर करने का आरोप
योगजा सिंह ने कहा कि आनंद प्रकाश ने उनके खिलाफ किरायेदारी की फर्जी रसीद बनाकर उन्हें बेदखल करने के लिए एक वाद अपर जिलाधिकारी की कोर्ट में दायर कर रखा है। वह मकान पर कब्जा करना चाहते हैं। आनंद प्रकाश ने मकान पर लोन ले रखा है। रुपये लेने के बाद भी वह मकान का बैनामा नहीं करा रहा है। योगजा सिंह ने पुलिस आयुक्त को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की। एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही।
वीके सिंह ने भी केस दर्ज कराया था
पूर्व केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने 29 सितंबर को कविनगर पुलिस ने लोहा कारोबारी आनंद प्रकाश और एक न्यूज पोर्टल के संचालक रण सिंह के खिलाफ खिलाफ केस दर्ज किया था। शिकायत में वीके सिंह का कहना था कि आरोपियों ने तथ्य से परे खबर चलाकर उन्हें सामाजिक, मानसिक और शारीरिक पीड़ा पहुंचाई है। रण सिंह ने कारोबारी के कहने पर योजनाबद्ध तरीके से खबर चलाकर उनकी छवि धूमिल की। पुलिस ने इस मामले में रण सिंह को जेल भेजा था।