Online Gaming Law News: ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म A23 ने भारत सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए ‘ऑनलाइन गेमिंग कानून’ को चुनौती देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। यह पहला मौका है जब किसी कंपनी ने इस नए कानून के खिलाफ अदालत का रुख किया है। यह कानून ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को विनियमित करने और इस क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है, लेकिन A23 का दावा है कि यह कानून उनके व्यवसाय को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।
कानून का उद्देश्य और प्रावधान
भारत सरकार ने अप्रैल 2023 में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन करते हुए ऑनलाइन गेमिंग के लिए नए नियम पेश किए। इन नियमों के तहत, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करना अनिवार्य है। इसमें गेम्स की वैधता की जांच, उपयोगकर्ताओं की पहचान सत्यापन (KYC), और जिम्मेदार गेमिंग प्रथाओं को बढ़ावा देना शामिल है। साथ ही, ‘रियल मनी गेमिंग’ (जैसे रम्मी और पोकर) को सख्त निगरानी के दायरे में लाया गया है। सरकार का कहना है कि यह कानून उपभोक्ताओं की सुरक्षा और अवैध गतिविधियों, जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, को रोकने के लिए बनाया गया है।
A23 की आपत्तियां
A23 ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि नए नियम उनके व्यवसाय मॉडल को प्रतिबंधित करते हैं और ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाते हैं। कंपनी का कहना है कि यह कानून ‘स्किल-बेस्ड गेम्स’ (जैसे रम्मी) और ‘चांस-बेस्ड गेम्स’ (जैसे जुआ) के बीच अंतर को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं करता, जिससे उद्योग में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। A23 का दावा है कि रम्मी जैसे खेल, जो भारत में लंबे समय से कौशल-आधारित खेल माने जाते हैं, को इस कानून के तहत अनुचित रूप से निशाना बनाया जा रहा है। इसके अलावा, कंपनी ने यह भी तर्क दिया कि सख्त नियम और अनुपालन लागत छोटे और मध्यम स्तर के गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई
A23 की याचिका पर कर्नाटक हाईकोर्ट जल्द ही सुनवाई शुरू कर सकता है। इस मामले को उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, क्योंकि इसका परिणाम न केवल A23 बल्कि पूरे ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोर्ट A23 के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो यह अन्य गेमिंग कंपनियों को भी इसी तरह के कानूनी कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का परिदृश्य
भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और अनुमान है कि यह 2025 तक 2.5 बिलियन डॉलर का बाजार बन सकता है। रम्मी, पोकर और फंतासी स्पोर्ट्स जैसे गेम्स की लोकप्रियता में वृद्धि के साथ, कई कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं। हालांकि, नए कानून ने इस उद्योग के सामने कई चुनौतियां खड़ी की हैं, खासकर ‘रियल मनी गेमिंग’ से जुड़े प्लेटफॉर्म्स के लिए।
विशेषज्ञों की राय
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला ऑनलाइन गेमिंग के भविष्य को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कुछ का मानना है कि सरकार को स्किल-बेस्ड और चांस-बेस्ड गेम्स के बीच स्पष्ट अंतर करने की आवश्यकता है, ताकि वैध गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर अनावश्यक प्रतिबंध न लगें। दूसरी ओर, उपभोक्ता संरक्षण समूहों का कहना है कि सख्त नियम उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी और लत से बचाने के लिए जरूरी हैं।
आगे क्या?
A23 की याचिका पर कोर्ट का फैसला ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। यदि कोर्ट कानून के कुछ हिस्सों को असंवैधानिक घोषित करता है, तो सरकार को नियमों में संशोधन करना पड़ सकता है। वहीं, अगर फैसला सरकार के पक्ष में जाता है, तो गेमिंग कंपनियों को नए नियमों के अनुरूप अपने संचालन को समायोजित करना होगा।
इस मामले पर नजर रखने वाले उद्योग विशेषज्ञों और हितधारकों का कहना है कि यह मुकदमा न केवल A23 के लिए, बल्कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग के पूरे परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।
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