जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में दर्दनाक हादसा: छठी क्लास की छात्रा अमायरा की 4th फ्लोर से गिरकर मौत, स्कूल प्रबंधन पर लगा सबूत मिटाने का आरोप

Jaipur/Neerja Modi School News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसरोवर इलाके में स्थित प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में आज एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया। छठी कक्षा में पढ़ने वाली 12 वर्षीय मासूम छात्रा अमायरा (पुत्री विजय कुमार) की स्कूल की चौथी मंजिल (कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार पांचवीं मंजिल) से गिरने से मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा दोपहर करीब 1:30 बजे हुआ, जब अमायरा कथित तौर पर छत पर पहुंची और अचानक नीचे गिर पड़ी। घटना की सूचना मिलते ही स्कूल में हड़कंप मच गया, लेकिन प्रबंधन के रवैये ने सवालों का सिलसिला खड़ा कर दिया।

जानकारी के अनुसार, अमायरा स्कूल की सीढ़ियों से ऊपर पहुंची थी, जहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। वह झाड़ियों में गिरी, लेकिन गिरने के दौरान उसका सिर पास की दीवार से जोरदार तरीके से टकरा गया। चीख-पुकार सुनकर स्कूल स्टाफ मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। घायल अमायरा को तुरंत मेट्रो मास अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की हालत इतनी नाजुक थी कि वे भी स्तब्ध रह गए।

मां का विह्वल स्वर: “अमायरा, वापस आ जा मेरी बच्ची”
हादसे की खबर पाकर अस्पताल पहुंचे अमायरा के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। मां शिबानी देव बेसुध होकर बार-बार बेटी का नाम पुकार रही हैं। गुस्से और दर्द के मिश्रण में वह चीख-चीखकर कह रही हैं, “अमायरा… अमायरा… आजा बेटा, वापस आजा मेरे पास। मैंने अपनी बेटी को स्कूल भेजकर उसे खो दिया। मेरी बच्ची को कहीं से भी लाकर दे दो, मुझे कुछ और नहीं चाहिए।” वहीं, पिता विजय कुमार सदमे में खामोश हैं। डॉक्टरों ने उन्हें सांत्वना देने की कोशिश की, लेकिन वे बेसुध की तरह बैठे रहे। सोशल मीडिया पर मां की यह विह्वल पुकार वायरल हो रही है, जो हर संवेदनशील दिल को छलनी कर रही है।

स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप: सबूत मिटाने का शक
घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल उठा है स्कूल प्रशासन के रवैये पर। आरोप है कि पुलिस की टीम पहुंचने से पहले ही प्रबंधन ने घटनास्थल पर सफाई करवा दी और खून के धब्बे तक साफ करा दिए। कानूनन, किसी भी अप्रत्याशित मौत के बाद घटनास्थल पर सबूत सुरक्षित रखना अनिवार्य होता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया। अभिभावक संघ के अभिषेक जैन ने दावा किया है कि अमायरा टीचरों की प्रताड़ना से तंग आकर यह कदम उठा सकती है। उन्होंने कहा, “अमायरा के साथ पढ़ने वाले अन्य छात्रों से बात करने पर ऐसी बातें सामने आई हैं।

स्कूल प्रशासन मौन है, जवाब क्यों नहीं दे रहा?”
इस बीच, जयपुरिया अस्पताल में अमायरा का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड की निगरानी में चल रहा है। मानसरोवर थाना पुलिस ने मौके का मुआयना किया है और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच में दुर्घटना या आत्महत्या का एंगल देखा जा रहा है, लेकिन सबूत मिटाने के आरोपों पर सख्ती से कार्रवाई होगी।

सोशल मीडिया पर उबाल: सुरक्षा पर सवाल
सोशल मीडिया पर इस घटना ने तीखी बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। एक पोस्ट में लिखा गया, “स्कूल सपनों का आकाश होना चाहिए, मौत का मैदान नहीं। अमायरा जैसे मासूमों की जान पर क्या बनी है?” पूर्व विधायक टीकाराम जूली जैसे नेताओं ने भी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अभिभावक संघ ने स्कूलों में सख्त सुरक्षा मानकों की मांग की है, ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।

नीरजा मोदी स्कूल, जो सीबीएसई से संबद्ध एक प्रमुख संस्थान है, ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इस घटना ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया है, बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे बच्चे सुरक्षित शिक्षा के हकदार क्यों नहीं बन पाते। पुलिस जांच के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी, लेकिन अमायरा का जाना एक ऐसा घाव है, जो कभी भर नहीं पाएगा।

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