हवा में उछलकर 100 मीटर दूर गिरा था पुलिसकर्मी, गाजियाबाद एक्सप्रेस-वे की घटना

ghaziabad news दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर शुक्रवार को हुए एक दर्दनाक हादसे में ट्रैफिक पुलिसकर्मी विपिन कुमार की मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब विपिन ड्यूटी पर तैनात थे और एक तेज रफ्तार अर्टिगा कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि विपिन कई फीट हवा में उछलकर सड़क पर जा गिरे। घायल अवस्था में साथी पुलिसकर्मियों ने उन्हें तुरंत मणिपाल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत नाजुक बताई, लेकिन शनिवार को देर रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें हादसे की भयावह तस्वीर साफ दिखाई दे रही है। सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक तेज रफ्तार कार ने पुलिसकर्मी को टक्कर मारी। टक्कर लगते ही पुलिसकर्मी कई फीट ऊपर हवा में उछल गया। सीसीटीवी फुटेज पर तारीख 22 अगस्त और समय शाम 6:18 बजे का दिख रहा है। हादसे के बाद पुलिस के अन्य साथी पुलिसकर्मी के पास दौड़ते हुए दिखाई देते हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि अर्टिगा कार चलाने वाला आरोपी विनीत एक हिस्ट्रीशीटर है, जिसके खिलाफ बापूधाम थाने में पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं। घटना के बाद पुलिस ने तुरंत घेराबंदी कर आरोपी वाहन चालक विनीत और उसके भाई सुमित को गिरफ्तार कर लिया और कार भी बरामद कर ली गई है।
एडीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर एक अर्टिगा कार ने पुलिसकर्मी विपिन कुमार को टक्कर मार दी। हादसे के बाद पुलिस ने तुरंत घायल पुलिसकर्मी को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन शनिवार रात इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इस मामले में हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज किया गया है। कार को बरामद कर लिया गया है और वाहन चालक व उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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सिपाही और हिस्ट्रीशीटर का कनेक्शन तलाश रही पुलिस
अब विजयनगर पुलिस ट्रैफिक सिपाही और आरोपी हिस्ट्रीशीटर विनीत और उसके भाई का कनेक्शन तलाश रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं सिपाही की जानबूझकर तो हत्या नहीं की गई। हालांकि अभी तक पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि दोनों को कनेक्शन नहीं मिला है।
वीडियो के आधार पर यह सीधे हत्या
एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद का कहना है कि वीडियो के आधार पर यह हिट एंड रन का मामला नहीं बल्कि सीधे हत्या है। गनीमत रही कि उस पॉइंट पर ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर या ट्रैफिक के अन्य अधिकारी नहीं थे, नहीं तो एक बड़ी अनहोनी हो सकती थी। कार की स्पीड इतनी थी कि जो भी सामने आता उसकी भी जान चली जाती। मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट और वीडियो के साक्ष्य के आधार पर पूर्व में दर्ज मुकदमे में संबंधित धाराएं बढ़ाई जाएगी।

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