Drama continues in the election results News: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में ड्रामा जारी है। एनडीए की अप्रत्याशित जीत के बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने पारिवारिक गढ़ राघोपुर में फिर से बढ़त हासिल कर ली है। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, छठे राउंड की गिनती के बाद तेजस्वी को 23,531 वोट मिले हैं, जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सतिश कुमार यादव 23,312 वोटों पर हैं। दोनों के बीच सिर्फ 219 वोटों का फासला है।
यह सीट वैशाली जिले में आती है, जो लालू प्रसाद यादव परिवार का परंपरागत किला मानी जाती है। लालू जी और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने यहां से कई बार जीत हासिल की है। तेजस्वी ने 2015 और 2020 के चुनावों में इस सीट पर कब्जा जमाया था, जहां 2020 में उन्होंने सतिश कुमार को 38,000 से ज्यादा वोटों से हराया था। लेकिन इस बार मुकाबला कड़ा नजर आ रहा है। शुरुआती राउंडों में सतिश कुमार ने बढ़त बनाई थी—चौथे राउंड में वे 3,016 वोटों से आगे थे—लेकिन तेजस्वी ने धीरे-धीरे वापसी की और अब लीड कर रहे हैं।
कड़ी चुनौती
सतिश कुमार यादव कोई नए चेहरे नहीं हैं। 2010 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जेडीयू के टिकट पर राबड़ी देवी को हराकर इस सीट पर कब्जा किया था। अब बीजेपी के बैनर तले लौटे सतिश ने फिर से यादव परिवार को चुनौती दी है। जन सुराज पार्टी के चंचल कुमार को अभी तक सिर्फ 150 वोट ही मिले हैं, जो मुकाबले से बाहर नजर आ रहे हैं। वोटिंग 6 नवंबर को पहले चरण में हुई थी, जहां 68.54 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। महिलाओं का मतदान 71.6 प्रतिशत रहा, जो पुरुषों के 62.8 प्रतिशत से काफी ज्यादा था।
बिहार का समग्र परिदृश्य
पूरे बिहार में एनडीए ने 243 सीटों में से 185 पर बढ़त बना ली है—बीजेपी 84, जेडीयू 75, एलजेएपी (आरवी) 22 और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा 4 सीटों पर आगे है। महागठबंधन को 49 सीटों पर संतोष करना पड़ रहा है—आरजेडी 36, कांग्रेस 7 और सीपीआई(एमएल) लिबरेशन 6 पर। बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है, जो एनडीए ने आसानी से पार कर ली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की यह जीत एग्जिट पोल्स के अनुरूप है, जहां उन्हें 147 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान था।
महागठबंधन के लिए बुरी खबर यह भी है कि तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव महुआ सीट पर 13,000 से ज्यादा वोटों से पीछे चल रहे हैं। आरजेडी ने तेज प्रताप को पार्टी से निकाल दिया था, और वे अब अपनी जन न्याय दल (जेजेडी) से लड़ रहे हैं। एग्जिट पोल्स में आरजेडी को सबसे बड़ी पार्टी बनने का अनुमान था, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है।
तेजस्वी का दावा
गिनती शुरू होने से पहले तेजस्वी ने कहा था, “हम जीत रहे हैं। परिवर्तन आने वाला है। महागठबंधन सरकार बनाएगा।” उनके पिता लालू प्रसाद और बहन मीसा भारती के साथ वे पटना में थे। लेकिन एनडीए की मजबूत पकड़ से विपक्ष के दावे कमजोर पड़ते दिख रहे हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ईसीआई पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह चुनाव “ईसीआई बनाम बिहार की जनता” का मुकाबला है।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली है। बिहार में कुल 66.91 प्रतिशत मतदान हुआ, जो अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
राघोपुर का यह मुकाबला न सिर्फ तेजस्वी की प्रतिष्ठा का सवाल है, बल्कि पूरे महागठबंधन की नैतिक जीत का भी। क्या तेजस्वी परिवार का किला बचा पाएंगे? गिनती के आखिरी राउंड ही फैसला करेंगे।

