कोई हताहत नहीं, सभी को सुरक्षित निकाला
कोलकाता पुलिस की डिप्टी कमिश्नर (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी ने बताया, “हमने सभी आसपास की इमारतों को खाली करा लिया था। इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ है।” आग लगने की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों और दुकानदारों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
20 दमकल गाड़ियां मौके पर
आग बुझाने के लिए शुरू में 6 दमकल गाड़ियां भेजी गईं, लेकिन जैसे-जैसे आग फैली, कुल 20 दमकल गाड़ियां तैनात की गईं। इलाके में काले धुएं का गुबार छा जाने से दमकलकर्मियों को इमारतों में घुसने में दिक्कत हो रही थी। इसके लिए विशेष ‘स्मोक सकर’ मशीन का इस्तेमाल किया गया। एक वरिष्ठ अग्निशमन अधिकारी ने कहा, “दुकानों में ज्वलनशील सामग्री ज्यादा थी। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का कारण माना जा रहा है, लेकिन पूरी जांच बाद में होगी। फिलहाल आग पर काबू पाने पर फोकस है।”
इलाके की सड़कें सील, ट्रैफिक प्रभावित
आग बुझाने के काम में किसी तरह की रुकावट न हो, इसलिए एजरा स्ट्रीट और आसपास की सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है। दमकल गाड़ियों की आवाजाही सुचारू रखने के लिए पुलिस द्वारा विशेष इंतजाम किए गए हैं।
स्थानीय पार्षद का आरोप: सुरक्षा मानकों की अनदेखी
स्थानीय पार्षद संतोष पाठक ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “पिछले 22 सालों में मैंने कई बार स्थानीय प्रशासन और पुलिस को इमारतों के खराब सुरक्षा मानकों के बारे में लिखा, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।” उनका कहना है कि पुरानी इमारतें और संकरी गलियां ऐसी घटनाओं को आमंत्रण देती हैं।
पिछले हफ्ते भी लगी थी आग
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही सेंट्रल कोलकाता के आर एन मुखर्जी रोड पर एक गोदाम में आग लगी थी। वह गोदाम कंप्यूटर, मोटर्स और कार पार्ट्स से भरा था और कोलकाता पुलिस मुख्यालय (लालबाजार) से महज 200 मीटर दूर स्थित था। संकरी गलियों की समस्या वहां भी थी।
यह घटना कोलकाता के पुराने व्यावसायिक इलाकों में अग्नि सुरक्षा की कमी को उजागर करती है। प्रशासन अब जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की बात कर रहा है। पीड़ित दुकानदारों को मुआवजे की मांग उठने लगी है।

