दिव्यांग और नेत्रहीन युवती ने डीएम से की नौकरी की मांग

meerut news  सरधना क्षेत्र के मोहल्ला बुढ़ाबाबू की 32 वर्षीय राखी रानी ने डीएम से नौकरी की मांग की है। राखी जन्म से एक पैर से दिव्यांग हैं। बीमारी के कारण उनकी आंखों की रोशनी भी चली गई। उसके बावजूद भी उन्होंने नेत्रहीन विद्यालय से बीए की डिग्री हासिल की है। हालांकि अभी डिग्री लेने के बाद वह घर पर ही है। उनका कहना है कि वह ऐसे नहीं बैठ सकती।
राखी ने नेत्रहीन कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की है। वह लिख-पढ़ सकती हैं और बच्चों को पढ़ाने में भी सक्षम हैं। राखी अपने घर पर भी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं। आजाद समाज पार्टी के नेता चतर सिंह जाटव के साथ वह कलक्ट्रेट पहुंची। उनका कहना है कि आर्थिक सुधार के लिए राखी को नौकरी दी जाए। राखी के परिवार में माता-पिता, भाई और बहन हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। राखी ने कहा कि वह अपने माता-पिता का सहयोग करना चाहती हैं। वह किसी पर बोझ नहीं बनना चाहतीं और आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं। इसलिए उन्होंने जिलाधिकारी डॉक्टर वीके सिंह से नौकरी लगवाने की अपील की है। उनका कहना है कि दिव्यांग कोटे से नौकरी दी जाए। डीएम के सामने अपनी योग्यता बताते हुए राखी ने नौकरी की मांग की है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों को कहना है कि दिव्यांग कोटे से नियुक्तियां होती है। राखी की समस्या के निदान के लिए दिव्यांग अधिकारी को पत्र भेजा गया है।

 

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