Jaipur/RSS News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रति सकारात्मक बयान की सराहना की है। गहलोत ने इसे एक “अच्छी पहल” करार देते हुए कहा कि यह समाज में भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में मौलाना महमूद मदनी ने कहा था कि मौजूदा सरकार की सुरक्षा नीति पहले की सरकारों की तुलना में बेहतर है और कानून प्रवर्तन एजेंसियां अधिक पेशेवर हो गई हैं। इसके साथ ही, उन्होंने आरएसएस के साथ मतभेद होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि संवाद ही इन मतभेदों को कम करने का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयानों का भी स्वागत किया, जिसमें उन्होंने काशी-मथुरा जैसे मुद्दों पर भाईचारे की बात कही थी।
अशोक गहलोत ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मौलाना महमूद मदनी का यह बयान स्वागत योग्य है। आरएसएस के साथ संवाद की पहल समाज में एकता और आपसी समझ को बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह एक अच्छी पहल है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की दिशा में सकारात्मक योगदान दे सकती है।” गहलोत ने जोर देकर कहा कि देश की प्रगति के लिए सभी समुदायों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग आवश्यक है।
हालांकि, इस मुद्दे पर कुछ अन्य नेताओं और संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। कुछ ने मौलाना मदनी के बयान को सकारात्मक माना, जबकि कुछ ने इसे लेकर सवाल उठाए। उदाहरण के लिए, कुछ एक्स पोस्ट्स में दावा किया गया कि कांग्रेस और गांधी परिवार धार्मिक नेताओं के इशारों पर काम करते हैं।
इसके बावजूद, मौलाना मदनी और आरएसएस के बीच संवाद की संभावना ने कई लोगों का ध्यान खींचा है। यह कदम ऐसे समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जब देश में सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर तनाव देखा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल से विभिन्न समुदायों के बीच विश्वास का माहौल बन सकता है, बशर्ते इसे पारदर्शिता और खुलेपन के साथ आगे बढ़ाया जाए।
गहलोत ने अपने बयान में यह भी कहा कि देश के सामने कई चुनौतियां हैं, और इनका समाधान केवल आपसी सहयोग और संवाद से ही संभव है। उन्होंने सभी पक्षों से अपील की कि वे रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाएं और देशहित में एकजुट होकर काम करें।

