लोकसंस्कृति और परंपरा का उत्सवः नोएडा में महाकौथिग मेले की फिर तैयारी

नोएडा में महाकौथिग मेले की फिर तैयारी

Noida Mahakothig fair at Stadium Ground: नोएडा स्टेडियम में इस बार 19 दिसंबर महाकौथिग मेला शुरू होने जा रहा है। महाकौथिग मेला पिछले वर्ष लोकसंस्कृति, परंपरा और सामाजिक एकता का भव्य प्रतीक बनकर उभरा था। इस आयोजन ने न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को मंच दिया, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों और शिल्पकारों को भी अपनी कला प्रदर्शित करने का अवसर मिला। मेले के दौरान हर दिन हजारों की संख्या में दर्शक पहुंचे, जिससे पूरे आयोजन स्थल पर उत्सव जैसा माहौल बना रहा।
संस्कृति और परंपरा का संगम
अध्यक्ष हरीश असवाल ने बताया कि पिछले महाकौथिग मेले में लोकनृत्य, लोकगीत और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। उत्तराखंड की झोड़ा-चांचरी, छपेली और पांडव नृत्य जैसी प्रस्तुतियों को विशेष सराहना मिली। सांस्कृतिक संध्या में देश-विदेश से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से मंच को जीवंत बना दिया।
हस्तशिल्प और लोकउत्पादों का आकर्षण
मेले में लगाए गए हस्तशिल्प स्टॉल दर्शकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहे। पहाड़ी ऊनी वस्त्र, पारंपरिक आभूषण, लकड़ी और तांबे से बने उत्पादों की खूब खरीदारी हुई। स्थानीय शिल्पकारों और स्वयं सहायता समूहों को इससे आर्थिक संबल भी मिला।
खान-पान ने बढ़ाया स्वाद का रंग
महाकौथिग मेले में पारंपरिक व्यंजनों का भी खास इंतजाम रहा। उत्तराखंडी व्यंजन जैसे भट्ट की चुड़कानी, झंगोरे की खीर, गहत की दाल और पहाड़ी मिठाइयों ने लोगों को अपनी ओर खींचा। इसके अलावा विभिन्न राज्यों के स्टॉल भी दर्शकों की पसंद बने।
परिवारों और युवाओं की रही खास भागीदारी
पिछले आयोजन में परिवारों के साथ-साथ युवाओं और बच्चों की भी बड़ी भागीदारी देखने को मिली। बच्चों के लिए झूले, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों की व्यवस्था की गई थी, जिससे यह मेला हर आयु वर्ग के लिए आकर्षक बन गया।
सुरक्षा और व्यवस्थाओं की हुई सराहना
आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और साफ-सफाई को लेकर भी आयोजकों की खूब तारीफ हुई। पुलिस और स्वयंसेवकों की सक्रिय मौजूदगी से दर्शकों को सुरक्षित और व्यवस्थित माहौल मिला।
सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश
महाकौथिग मेला केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं रहा, बल्कि इसके जरिए अपनी जड़ों से जुड़ने और सांस्कृतिक पहचान को संजोने का संदेश भी दिया गया। आयोजकों का कहना था कि इस आयोजन का उद्देश्य नई पीढ़ी को अपनी लोकसंस्कृति से जोड़ना है।
इस बार भी बड़ी उम्मीदें
पिछले महाकौथिग मेले की अपार सफलता को देखते हुए इस बार भी आयोजन को लेकर लोगों में उत्साह है। दर्शकों को उम्मीद है कि आने वाला महाकौथिग मेला भी पहले से अधिक भव्य और यादगार होगा।
आयोजन रहता है सफल
नोएडा में आयोजित महाकौथिग मेला लोकसंस्कृति, कला और परंपरा का ऐसा मंच बनकर सामने आया, जिसने शहर के सांस्कृतिक जीवन को समृद्ध किया। पिछले आयोजन की सफलता ने यह साबित कर दिया कि ऐसे आयोजनों की आज भी समाज में गहरी जरूरत और लोकप्रियता है।

 

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