Bangladesh’s first female Prime Minister laid to rest: खालिदा जिया का राजकीय अंतिम संस्कार आज, भारत की ओर से जयशंकर शामिल

Bangladesh’s first female Prime Minister laid to rest: बांग्लादेश अपनी पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख बेगम खालिदा जिया को आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दे रहा है। 80 वर्षीय खालिदा जिया का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार (30 दिसंबर) को निधन हो गया था। उनके निधन पर देश में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।

आज दोपहर 2 बजे के बाद नमाज-ए-जनाजा होगी, जो माणिक मिया एवेन्यू के पश्चिमी छोर पर आयोजित की जाएगी। इसके बाद लगभग 3:30 बजे उन्हें उनके पति पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान के बगल में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। जियाउर रहमान की 1981 में हत्या कर दी गई थी। जनाजे की व्यवस्था संसद भवन के आंतरिक और बाहरी परिसर तथा पूरे माणिक मिया एवेन्यू में की गई है। राजधानी ढाका में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।

खालिदा जिया का पार्थिव शरीर सुबह उनके गुलशन स्थित आवास ‘फिरोजा’ पहुंचा, जहां परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों ने अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय ध्वज से लिपटी गाड़ी में संसद भवन की ओर ले जाया गया। हजारों लोग सड़कों पर एकत्र होकर अंतिम विदाई दे रहे हैं।

भारत की ओर से श्रद्धांजलि
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए आज ढाका पहुंचे। वे सुबह 11:30 बजे विशेष विमान से ढाका हवाई अड्डे पर उतरे, जहां भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने उनकी अगवानी की। जयशंकर ने भारत की जनता की ओर से खालिदा जिया के परिवार को संवेदना व्यक्त की है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जयशंकर अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस से अलग से द्विपक्षीय बैठक करेंगे या नहीं।

जनता में शोक की लहर
ढाका की सड़कों पर हजारों लोग जमा हैं। एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी मिनहाज उद्दीन (70) ने कहा, “मैंने कभी उनके लिए वोट नहीं दिया, लेकिन एक दिग्गज राजनेता को विदाई देने आया हूं।” एक अन्य श्रद्धांजलि देने वाली शर्मिना सिराज (40) ने कहा, “खालिदा जिया महिलाओं के लिए प्रेरणा रही हैं। लड़कियों की शिक्षा के लिए शुरू की गई छात्रवृत्ति योजना ने लाखों लड़कियों की जिंदगी बदली।”

खालिदा जिया और उनकी प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना ने दशकों तक बांग्लादेश की राजनीति को परिभाषित किया। दोनों के बीच कटु प्रतिद्वंद्विता रही, लेकिन खालिदा जिया का योगदान देश की राजनीति और महिला सशक्तीकरण में हमेशा याद किया जाएगा।

देश भर में झंडे आधे झुके हुए हैं और लोग शोक मना रहे हैं।

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