पुलिस के अनुसार, बच्चे के पिता हरिनारायण कूड़ा बीनने का काम करते हैं और परिवार झुग्गी में रहता है। थाना सेक्टर-63 के प्रभारी निरीक्षक अमित काकरान ने बताया कि 25 दिसंबर की रात को शिवरंजन घर में खेल रहा था। प्यास लगने पर उसने झुग्गी के अंदर रखी एक बोतल से तरल पदार्थ पी लिया, जो तेजाब निकला। तेजाब पीते ही बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे फौरन सेक्टर-24 स्थित राजकीय कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआई) अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। आस-पास के लोगों का कहना है कि यह हादसा परिवार की लापरवाही से हुआ। घर में छोटे बच्चे होने के बावजूद तेजाब जैसी खतरनाक चीज को खुले में रखना घातक साबित हुआ।
यह घटना एक बार फिर घरेलू सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि घरों में सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले तेजाब, एसिड या अन्य केमिकल को हमेशा लेबल वाली बोतल में और बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। गरीब बस्तियों और झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में ऐसी लापरवाहियां अक्सर जानलेवा साबित होती हैं।
फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन यह स्पष्ट दुर्घटना माना जा रहा है। परिवार को अभी किसी सरकारी मदद की जानकारी नहीं मिली है।

