ताजा मामले में अहमदपुर चोरौली गांव के निवासी चेतराम के खिलाफ जेवर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। YEIDA अधिकारियों का आरोप है कि अधिसूचित क्षेत्र में जानबूझकर अवैध निर्माण किया जा रहा था, ताकि अधिग्रहण के समय अधिक मुआवजा मिल सके। नायब तहसीलदार संजय तोमर की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई। नियमों के अनुसार, अधिसूचना जारी होने के बाद बिना अनुमति कोई निर्माण कार्य वर्जित है।
इस महीने की शुरुआत में भी इसी तरह की कार्रवाई देखने को मिली। दिसंबर में नगला हुकम सिंह गांव के 28 ग्रामीणों समेत कई लोगों पर अवैध निर्माण के लिए FIR दर्ज की गई। कुछ मामलों में भूमाफियाओं के बहकावे में आने और 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के लालच में निर्माण करने के आरोप लगे हैं। इससे पहले सितंबर और अक्टूबर में भी YEIDA ने बुल्डोजर चलाकर सैकड़ों बीघा जमीन कब्जामुक्त कराई थी।
प्राधिकरण का कहना है कि ऐसे अवैध निर्माण से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है, साथ ही घटिया सामग्री के इस्तेमाल से सुरक्षा जोखिम भी बढ़ रहा है। YEIDA ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि एयरपोर्ट प्रोजेक्ट से जुड़े अधिसूचित क्षेत्र में किसी भी अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दूसरे चरण के लिए 14 गांवों की करीब 1888 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण प्रस्तावित है, जिसके लिए अवार्ड 2026 में घोषित किए जाने की संभावना है।
वहीं, एयरपोर्ट के पहले चरण की बात करें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विधानसभा में घोषणा की कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन जनवरी 2026 में होगा। यह उत्तर प्रदेश का पांचवां और देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा, जिसमें अंततः 6 रनवे होंगे।
प्रशासन की इन कार्रवाइयों से प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने की दिशा में मजबूती मिल रही है, लेकिन ग्रामीणों और प्राधिकरण के बीच मुआवजा व पुनर्वास के मुद्दे पर तनाव बना हुआ है। पुलिस सभी मामलों की जांच कर रही है।

