लखनऊ। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और विविधतापूर्ण राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना हमेशा एक बड़ी चुनौती रहा है। ऐसे में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीपीजी) राजीव कृष्ण ने कमान संभालते ही साफ संदेश दिया। जय हिन्द जनाब ने इसकी गहराई से पड़ताल की। जिसमें अपराध पर जीरो टॉलरेंस और पुलिसिंग में प्रोफेशनलिज्म अधिकतर देखने को मिला है।
डीपीजी राजीव कृष्ण को एक अनुशासित, तकनीक-समर्थक और फील्ड-ओरिएंटेड अफसर के तौर पर जाने जाते है। उनके नेतृत्व में यूपी पुलिस में कई स्तरों पर बदलाव देखे जा रहे हैं। कानून व्यवस्था सुधारने के लिए डीपीजी राजीव कृष्ण के अहम कदम उठाए।
अपराधियों पर सख्त कार्रवाई और जीरो टॉलरेंस नीति
राजीव कृष्ण ने साफ निर्देश दिए हैं कि…
संगठित अपराध
माफिया नेटवर्क
हिस्ट्रीशीटर
गैंगस्टर और अवैध नेटवर्क के खिलाफ बिना किसी दबाव के कड़ी कार्रवाई की जाए।
थानों से लेकर जोन और रेंज स्तर तक जवाबदेही तय की गई है।
पुलिसिंग में टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल
डीपीजी के फोकस में स्मार्ट पुलिसिंग हैकृ
CCTV और सर्विलांस नेटवर्क का विस्तार
अपराध विश्लेषण के लिए डेटा-ड्रिवन सिस्टम
सोशल मीडिया मॉनिटरिंग से अफवाह और अपराध पर नजर
डिजिटल एफआईार और ऑनलाइन शिकायतों की निगरानी, इससे अपराध की रोकथाम और त्वरित कार्रवाई दोनों में सुधार हुआ है।
फील्ड पुलिस को सशक्त बनाने पर जोर
राजीव कृष्ण ने निर्देश दिए हैं कि थाना प्रभारी और सीओ फील्ड में सक्रिय रहें। बीट पुलिसिंग को मजबूत किया जाए। इसके अलावा रात की पेट्रोलिंग अनिवार्य होनी चाहिए। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक पुलिस की दृश्यता बढ़ाई गई है, जिससे अपराधियों में डर और आम जनता में भरोसा पैदा हुआ है।
महिला सुरक्षा और संवेदनशील मामलों पर सख़्ती
महिला सुरक्षा डीपीजी की प्राथमिकताओं में शामिल है
महिला अपराधों में त्वरित एफआईआर
विशेष टीमों द्वारा जांच
थानों में महिला हेल्प डेस्क की सक्रियता
साइबर क्राइम और ऑनलाइन उत्पीड़न पर फोकस
इसका असर यह हुआ है कि कई मामलों में रिपोर्टिंग बढ़ी और कार्रवाई तेज हुई।
पुलिसकर्मियों की जवाबदेही और अनुशासन
राजीव कृष्ण ने स्पष्ट किया है कि “गलत काम करने वाला चाहे पुलिसकर्मी ही क्यों न हो, कार्रवाई होगी।” भ्रष्टाचार पर आंतरिक कार्रवाई, लापरवाही पर निलंबन, अच्छा काम करने वालों को सम्मान मिलना चाहिए। इससे पुलिस महकमे के भीतर अनुशासन और मनोबल दोनों मजबूत हुए हैं।
कितने कारगर साबित हो रहे हैं ये कदम?
संगठित अपराध और माफिया गतिविधियों पर लगातार दबाव
कई जिलों में अपराध नियंत्रण के बेहतर संकेत
पुलिस की रिस्पॉन्स टाइम में सुधार
आम नागरिकों में पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ा
हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि यूपी जैसे बड़े राज्य में सुधार एक सतत प्रक्रिया है। पूरी तरह परिणाम सामने आने में समय लगेगा, लेकिन मौजूदा संकेत बताते हैं कि कानून व्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
प्रशासनिक सोच और नेतृत्व शैली
राजीव कृष्ण को एक ऐसे अधिकारी के रूप में देखा जा रहा है जो कि फाइलों से ज्यादा फील्ड पर भरोसा करते हैं। सख्ती के साथ-साथ सिस्टम सुधार पर काम करते हैं। राजनीतिक दबाव से हटकर प्रोफेशनल निर्णय लेते हैं।
कुल मिलाकर कहा जाए तो उत्तर प्रदेश के डीपीजी राजीव कृष्ण के नेतृत्व में पुलिस महकमा ज्यादा प्रो-एक्टिव, तकनीक-आधारित और जवाबदेह होता दिख रहा है। अपराध नियंत्रण, महिला सुरक्षा और पुलिस सुधार की दिशा में उठाए गए कदम लंबे समय में कानून व्यवस्था को और मजबूत कर सकते हैं। प्रदेश की जनता और प्रशासन दोनों की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि ये सुधार स्थायी रूप से जमीनी स्तर पर कितने प्रभावी साबित होते हैं।

