Instability peaks in Bangladesh amid election fever: इस्लामी भीड़ ने रॉक कॉन्सर्ट पर हमला किया, 25 घायल; एनसीपी में फूट, जमात से गठबंधन की कगार पर

Instability peaks in Bangladesh amid election fever: बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को होने वाले आम चुनाव से ठीक डेढ़ महीने पहले राजनीतिक और सामाजिक तनाव बढ़ता जा रहा है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के समर्थन वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) आंतरिक कलह का शिकार हो गई है, जबकि देश में सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर कट्टरपंथी हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। ताजा घटनाओं में फरीदपुर में मशहूर रॉक स्टार जेम्स (नगर बाउल) के कॉन्सर्ट पर इस्लामी भीड़ के हमले ने पूरे देश को हिला दिया है।

फरीदपुर में कॉन्सर्ट पर हमला, जेम्स बाल-बाल बचे
फरीदपुर जिला स्कूल की 185वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में शुक्रवार रात को हजारों लोग जेम्स के प्रदर्शन का इंतजार कर रहे थे। रात करीब 9:30 बजे जब जेम्स मंच पर आने वाले थे, तभी बाहर से आई भीड़ ने रॉक कॉन्सर्ट में घुसकर ईंट-पत्थर फेंके। हमले में कम से कम 20-25 लोग घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर स्कूल के छात्र हैं।

आयोजकों ने प्रशासन के आदेश पर कार्यक्रम रद्द कर दिया। जेम्स को सुरक्षित बाहर निकाला गया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमलावर संगीत और सांस्कृतिक आयोजनों के विरोधी थे। पुलिस ने इलाके में भारी सुरक्षा तैनात की है, लेकिन अभी तक गिरफ्तारियां नहीं हुईं। यह घटना देश में बढ़ती असहिष्णुता का ताजा उदाहरण है।

एनसीपी में गहरी दरार, जमात से सौदा नजदीक
राजनीतिक मोर्चे पर, 2024 के शेख हसीना विरोधी आंदोलन से निकली एनसीपी चुनावी मैदान में मजबूत आधार बनाने के लिए संघर्ष कर रही है। पार्टी दो गुटों में बंट गई है:
• एक गुट जमात-ए-इस्लामी से सीट शेयरिंग समझौते की ओर तेजी से बढ़ रहा है। बांग्लादेशी मीडिया (द डेली स्टार, प्रथम आलो) के अनुसार, समझौता एक-दो दिन में हो सकता है। एनसीपी पहले 50 सीटें मांग रही थी, अब 30 पर तैयार बताई जा रही है।
• दूसरा गुट बीएनपी के साथ गठबंधन चाहता है, खासकर तारिक रहमान की हालिया स्वदेश वापसी के बाद।
पार्टी के विरोधी गुट के नेता मीर अरशदुल हक ने इस्तीफा दे दिया है। कुछ नेताओं ने जमात से पैसे लेने के आरोप भी लगाए हैं। पूर्व आंदोलनकारी अब्दुल कादेर ने फेसबुक पर लिखा कि इससे “युवा राजनीति की कब्र खोदी जा रही है”।
एनसीपी को यूनुस की “किंग्स पार्टी” कहा जाता है, लेकिन अब उसका जमात की ओर झुकाव पार्टी की मूल उदार छवि पर सवाल उठा रहा है।

बढ़ती हिंसा का साया
यूनुस सरकार के सत्ता संभालने के बाद से अब तक 184 से अधिक लोग भीड़ हिंसा में मारे जा चुके हैं। अल्पसंख्यकों पर हमले, सांस्कृतिक आयोजनों पर प्रतिबंध की मांग और राजनीतिक अस्थिरता चुनावी माहौल को विषैला बना रही है। बीएनपी चुनाव में आगे चल रही है, जबकि जमात भी मजबूत स्थिति में है।

विशेषज्ञों का कहना है कि तारिक रहमान की वापसी से बीएनपी को मजबूती मिली है, लेकिन जारी अशांति से चुनाव प्रक्रिया पर संकट मंडरा रहा है। अंतरिम सरकार ने शांति की अपील की है, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिख रही है।

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