ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “आज रात मेरे निर्देश पर अमेरिका ने उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में ISIS आतंकवादियों पर शक्तिशाली हमला किया, जो निर्दोष ईसाइयों को क्रूरता से मार रहे थे।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईसाइयों की हत्याएं जारी रहीं तो और हमले होंगे।
नाइजीरिया सरकार का सहयोग
अमेरिकी रक्षा विभाग (डीपार्टमेंट ऑफ वॉर) के सचिव पीट हेगसेथ ने हमलों की पुष्टि की और नाइजीरिया सरकार का धन्यवाद किया। हेगसेथ ने कहा, “राष्ट्रपति ने पिछले महीने स्पष्ट कहा था कि नाइजीरिया और अन्य जगहों पर निर्दोष ईसाइयों की हत्या बंद होनी चाहिए। हम हमेशा तैयार हैं, और ISIS को आज क्रिसमस पर यह पता चल गया। और कार्रवाइयां आएंगी।”
यूएस अफ्रीका कमांड (AFRICOM) ने बताया कि हमले नाइजीरियाई अधिकारियों के साथ समन्वय में किए गए। प्रारंभिक आकलन के अनुसार कई ISIS आतंकवादी मारे गए और कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ। नाइजीरिया के विदेश मंत्रालय ने भी पुष्टि की कि यह कार्रवाई दोनों देशों के बीच चल रहे सुरक्षा सहयोग का हिस्सा है, जिसमें खुफिया जानकारी साझा करना और रणनीतिक समन्वय शामिल है।
पृष्ठभूमि और विवाद
ट्रंप ने नवंबर में नाइजीरिया सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर ईसाइयों की सुरक्षा नहीं की गई तो अमेरिका कार्रवाई करेगा। इसके बाद नाइजीरिया को धार्मिक स्वतंत्रता उल्लंघन के लिए “विशेष चिंता वाला देश” घोषित किया गया और कुछ यात्रा प्रतिबंध लगाए गए।
हालांकि स्वतंत्र विशेषज्ञों के अनुसार नाइजीरिया में चरमपंथी समूह ईसाइयों के साथ-साथ मुसलमानों को भी निशाना बनाते हैं और हजारों नागरिक मारे गए हैं। नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला टिनुबु ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर शांति की अपील की और सभी नागरिकों की सुरक्षा का वादा किया।
• हमले में नौसेना जहाज से टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं।
• कुछ रिपोर्ट्स में उल्लेख है कि नाइजीरिया ने खुफिया जानकारी मुहैया कराई थी।
यह कार्रवाई हाल के दिनों में सीरिया में ISIS के खिलाफ अमेरिकी हमलों के बाद हुई है। नाइजीरिया में सुरक्षा स्थिति जटिल बनी हुई है और दोनों देशों के बीच सहयोग जारी रहेगा।

