नई दिल्ली। प्रेम, शांति और भाईचारे का प्रतीक पर्व क्रिसमस आज देश-दुनिया में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। ईसा मसीह के जन्मदिन के अवसर पर चर्चों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन हो रहा है। वहीं शहरों और कस्बों में क्रिसमस ट्री, रोशनी और सजावट से माहौल पूरी तरह उत्सवमय नजर आया।
चर्चों में मिडनाइट मास, उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
क्रिसमस (Christmas) की पूर्व संध्या पर देर रात मिडनाइट मास का आयोजन किया गया। राजधानी दिल्ली समेत मुंबई, गोवा, केरल, कोलकाता और उत्तर-पूर्वी राज्यों के चर्चों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रार्थना के लिए पहुँचे। वहीं, क्रिसमस की सुबह बच्चों के लिए खास रही। सैंटा क्लॉज की पोशाक में लोगों ने बच्चों को उपहार वितरित किए। स्कूलों, सोसाइटी और चर्च परिसर में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुए, जहाँ बच्चों ने गीत-संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों से समां बांध दिया।
केक और मिठाइयों से मीठी हुई खुशियाँ
क्रिसमस के मौके पर बाजारों में केक और मिठाइयों की जबरदस्त मांग देखी गई। बेकरी दुकानों पर प्लम केक, कुकीज और पारंपरिक व्यंजनों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। कई स्थानों पर लोगों ने जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े वितरित कर पर्व की खुशियाँ साझा कीं। ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि क्रिसमस क्यों मनाया जाता है। चलिए बताते है कि क्रिसमस किस देश कैस सेलिब्रेट होता है।
बता दें कि हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाने वाला क्रिसमस केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, करुणा, शांति और मानवता का प्रतीक माना जाता है। यह दिन ईसा मसीह (Jesus Christ) के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्हें ईसाई धर्म में ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता माना जाता है।
ईसाई मान्यताओं के अनुसार, ईसा मसीह का जन्म यहूदिया के बेथलहम (Bethlehem) में एक साधारण गौशाला में हुआ था। उनका जन्म उस समय हुआ जब समाज में अन्याय, हिंसा और असमानता बढ़ रही थी। ईसा मसीह ने अपने उपदेशों के माध्यम से प्रेम, क्षमा, सेवा और समानता का संदेश दिया।
Christmas का इतिहास
इतिहासकारों के अनुसार, ईसा मसीह का वास्तविक जन्मदिन स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है।
हालांकि, चैथी शताब्दी (4th Century) में रोमन चर्च ने 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मान्यता दी।
सबसे पहले कहां सेलिब्रेट किया गया?
क्रिसमस को संगठित रूप से रोम (Italy) में मनाए जाने के प्रमाण मिलते हैं। रोमन साम्राज्य में यह त्योहार धीरे-धीरे फैलता गया और बाद में यूरोप, अमेरिका और पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गया।
Christmas की परंपराएं कैसे बनीं?
क्रिसमस ट्रीः जर्मनी से शुरू हुई थी परंपरा। सांता क्लॉजरू सेंट निकोलस की कथा से प्रेरित। उसके अलावा उपहार देना भी एक परम्परा है। तीन ज्ञानी पुरुषों द्वारा ईसा मसीह को दिए गए उपहारों से जुड़ा है। केक और कैरोलरू सामूहिक खुशी और उत्सव का प्रतीक माना गया है।
आज किन देशों में सबसे ज्यादा सेलिब्रेट किया जाता है?
आज क्रिसमस धार्मिक सीमा से बाहर निकलकर एक वैश्विक त्योहार बन चुका है।
प्रमुख देशः
संयुक्त राज्य अमेरिका
यूनाइटेड किंगडम
कनाडा
ऑस्ट्रेलिया
जर्मनी
फ्रांस
इटली
स्पेन
फिलीपींस (एशिया में सबसे भव्य क्रिसमस)
ब्राजील
इन देशों में क्रिसमस राष्ट्रीय अवकाश होता है और इसे बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक उत्सव की तरह मनाया जाता है।
भारत में क्रिसमस की स्थिति
भारत में क्रिसमस को राष्ट्रीय अवकाश का दर्जा प्राप्त है।
हालांकि ईसाई आबादी भारत में लगभग 2/3ः है, लेकिन यह त्योहार सभी धर्मों द्वारा मिल-जुलकर मनाया जाता है।
भारत में प्रमुख क्रिसमस केंद्र
गोवाः चर्च सजावट और पर्यटन
केरलः ईसाई परंपराओं का केंद्र
मुंबईः माउंट मैरी चर्च
कोलकाताः पार्क स्ट्रीट क्रिसमस
दिल्लीः सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल
भारतीय अंदाज
चर्च में मिडनाइट मास, घरों और बाजारों में सजावट, केक, मिठाइयां और उपहार, स्कूलों और संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, भारत में क्रिसमस अब केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव बन चुका है।
Christmas का आधुनिक स्वरूप
आज के दौर में क्रिसमस
भाईचारे का संदेश देता है
जरूरतमंदों की मदद का अवसर बनता है। धर्म से ऊपर उठकर मानवता का पर्व माना जाता है। क्रिसमस हमें याद दिलाता है कि दुनिया को सबसे ज्यादा जरूरत प्रेम, शांति और करुणा की है। ईसा मसीह का जीवन और उनके संदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने सदियों पहले थे।

