आग की घटना और ताज़ा अपडेट्स
6 दिसंबर की रात अरपोरा के इस नाइटक्लब में आग लगने से 20 स्टाफ़ और 5 पर्यटक मारे गए। जांच में पता चला कि क्लब नमक के पैन (इको-सेंसिटिव ज़ोन) पर अवैध रूप से बना था, फिर भी उसे कई सरकारी विभागों से मंज़ूरी मिली थी। हालिया अपडेट्स में कोर्ट ने दो मैनेजर्स को बेल दे दी, लेकिन जनरल मैनेजर और मालिकों (लूथरा ब्रदर्स) की रिमांड बढ़ा दी गई। मानवाधिकार पैनल ने पीड़ितों को मुआवजे पर सरकार को नोटिस भेजा है। हाईकोर्ट ने अवैध निर्माणों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए PIL दर्ज की है।
क्रिसमस-न्यू ईयर से पहले क्लब्स पर कार्रवाई
इस हादसे के बाद गोवा सरकार ने नाइटक्लब्स पर बड़ी कार्रवाई शुरू की है। उत्तर गोवा के साथ दक्षिण गोवा में भी निरीक्षण तेज़ हो गए हैं। कई प्रमुख क्लब्स सील किए गए, जैसे अंजुना-वागाटोर में क्लारा, सालुद और मायन बीच क्लब। गोया क्लब सहित अन्य क्लब्स भी सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण बंद किए गए। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि क्लब्स के लिए अभी अलग नियम नहीं हैं, लेकिन जल्द ही SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) लागू किए जाएंगे। पर्यटन मंत्री रोहन खाउंटे ने ‘अंब्रेला पॉलिसी’ की बात की, जिसमें नाइटक्लब्स, स्पा और रेस्टोरेंट्स के लिए एक छत के नीचे सभी कंप्लायंस चेक होंगे।
पर्यटन का रिकॉर्ड बढ़ना, लेकिन चिंताएं भी
2025 में गोवा का पर्यटन और तेज़ी से बढ़ा है। जनवरी से जून तक 54.55 लाख पर्यटक आए, जबकि पूरे साल में 6.23% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। घरेलू पर्यटक 72.96 लाख से ज्यादा पहुंचे, जबकि विदेशी पर्यटकों में 29% का उछाल आया। लेकिन यह बढ़ोतरी उत्तर गोवा के बीचों पर भारी पड़ रही है। टिटो लेन (बागा) जो कभी हिप्पीज़ का ठिकाना था, अब बॉलीवुड म्यूजिक और फ्लेमथ्रोअर्स वाले क्लब्स से भरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध निर्माण, सुरक्षा मानकों की अनदेखी और गैर-गोवावासियों का बढ़ता दखल गोवा की ‘सुसगाद’ संस्कृति को खत्म कर रहा है।
मंत्री के बयान और भविष्य की चिंता
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा था कि गोवा को नाइटक्लब कल्चर नहीं चाहिए, क्योंकि इससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। जवाब में रोहन खाउंटे ने कहा कि राज्य अब स्पिरिचुअल टूरिज्म पर भी फोकस कर रहा है और नियंत्रित नाइटलाइफ़ गोवा की आज़ादी का हिस्सा है। सामाजिक कार्यकर्ता ऑस्कर रेबेलो जैसे लोग चेतावनी दे रहे हैं कि यह विकास असहनीय है और गोवा की असली पहचान बचानी होगी।
क्रिसमस और न्यू ईयर की पार्टी सीज़न में सरकार की यह सख्ती बताती है कि गोवा अब अनियंत्रित पार्टी हब नहीं बनना चाहता। लेकिन सवाल यह है कि क्या नियमों का सख्त पालन गोवा की उस आज़ादी को बचा पाएगा, जिसके लिए दुनिया भर के पर्यटक यहां आते हैं? आने वाले दिन बताएंगे कि गोवा की रातें फिर से सुकून भरी होंगी या शोर में खो जाएंगी।

