26/11 मुंबई हमलों के नायक
सदानंद दाते को 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में दिखाई गई अतुलनीय बहादुरी के लिए देशभर में नायक के रूप में जाना जाता है। हमले के दौरान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (सेंट्रल रीजन) के रूप में तैनात दाते ने कामा अस्पताल में आतंकियों से सीधा मुकाबला किया था। ग्रेनेड धमाकों में घायल होने के बावजूद उन्होंने अपनी टीम के साथ डटकर सामना किया और बड़े हमले को टाल दिया। इस बहादुरी के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक सहित कई सम्मान मिल चुके हैं।
गरीबी से संघर्ष कर बने आईपीएस
सदानंद दाते का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में एक साधारण परिवार में हुआ था। 15 साल की उम्र में पिता का निधन हो जाने के बाद परिवार पर आर्थिक संकट आ गया। मां घरों में बर्तन मांजकर और झाड़ू-पोछा करके गुजारा चलाती थीं, जबकि सदानंद सुबह 4 बजे उठकर अखबार बांटते थे। कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने कभी पढ़ाई नहीं छोड़ी। स्थानीय सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद पुणे यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में पोस्ट ग्रैजुएशन और फिर डॉक्टरेट किया। अंततः 1990 में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईपीएस बने।
अपने करियर में दाते ने महाराष्ट्र ATS प्रमुख, मुंबई क्राइम ब्रांच जॉइंट कमिश्नर, CBI और CRPF में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। मार्च 2024 में वे NIA के DG बने थे।
आगे क्या?
रश्मि शुक्ला के कार्यकाल समाप्ति के साथ महाराष्ट्र में नए DGP की नियुक्ति जल्द होने की उम्मीद है। सदानंद दाते की वापसी को राज्य में कानून-व्यवस्था और आगामी चुनौतियों के मद्देनजर महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आधिकारिक घोषणा का इंतजार है, लेकिन पुलिस महकमे में यह चर्चा जोरों पर है कि 26/11 के हीरो जल्द ही महाराष्ट्र पुलिस की कमान संभालेंगे।

