Bulandshahr Highway Gang Rape Case: साल 2016 में देश को हिला देने वाले बुलंदशहर नेशनल हाईवे-91 पर हुए गैंगरेप मामले में आज यानी 22 दिसंबर 2025 को कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। विशेष पोक्सो कोर्ट ने मां और नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार के पांचों दोषियों को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक दोषी पर 1.81 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसकी कुल राशि पीड़िताओं के बीच बांटी जाएगी।
यह घटना 29 जुलाई 2016 की रात की है, जब नोएडा से शाहजहांपुर जा रहा एक परिवार हाईवे पर लुटेरों का शिकार हुआ। आरोपियों ने कार को लोहे की रॉड फेंककर रोका, परिवार को बंधक बनाया और पास के खेत में ले जाकर मां व 14 साल की नाबालिग बेटी के साथ ढाई घंटे तक गैंगरेप किया। पुरुष सदस्यों को बांधकर रखा गया और कीमती सामान लूट लिया गया। यह वारदात बुलंदशहर जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर हुई थी, जिसने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था।
दोषियों के नाम हैं: जुबैर उर्फ सुनील उर्फ परवेज, साजिद (दोनों कन्नौज के), धर्मवीर उर्फ राका उर्फ जितेंद्र, नरेश उर्फ संदीप उर्फ राहुल और सुनील उर्फ सागर (तीनों फर्रुखाबाद के)। ये बावरिया गैंग के सदस्य बताए जाते हैं। कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) ओम प्रकाश तृतीय ने यह फैसला सुनाया।
मामले में कुल 11 आरोपी थे, जिनमें गैंग लीडर सलीम उर्फ बीना ट्रायल के दौरान जेल में मर गया, दो अन्य अलग एनकाउंटर में मारे गए, जबकि तीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

पीड़ित परिवार ने फैसले का स्वागत किया है, लेकिन कहा कि फांसी की सजा न मिलना निराशाजनक है। नाबालिग पीड़िता, जो अब लॉ की छात्रा है, ने कहा कि यह फैसला कुछ उम्मीद जगाता है, लेकिन ट्रॉमा अभी भी परिवार को सता रहा है। पिछले 9 सालों में उन्हें कई बार घर बदलना पड़ा।
यह फैसला महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल के तौर पर माना जा रहा है।

