वार्ताएं मार्च 2025 में प्रधानमंत्री लक्सन की भारत यात्रा के दौरान शुरू हुई थीं। दोनों नेताओं ने इस उपलब्धि को दोनों देशों की मजबूत मित्रता और साझा महत्वाकांक्षा का प्रतीक बताया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह FTA द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को गहरा करेगा, बाजार पहुंच बढ़ाएगा, निवेश को प्रोत्साहन देगा और नवोन्मेषकों, उद्यमियों, किसानों, एमएसएमई, छात्रों तथा युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करेगा।
मुख्य बिंदु:
• न्यूजीलैंड के भारत निर्यात पर 95% वस्तुओं पर शुल्क कम या पूरी तरह हटाया जाएगा। इससे न्यूजीलैंड के निर्यात में प्रतिवर्ष 1.1 से 1.3 अरब डॉलर की वृद्धि होने का अनुमान है।
• दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
• न्यूजीलैंड अगले 15 वर्षों में भारत में 20 अरब डॉलर का निवेश करेगा।
• भारत की ओर से श्रम-गहन क्षेत्रों जैसे कपड़ा, फार्मा, चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान, कृषि उत्पाद आदि को लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री लक्सन ने सोशल मीडिया पर कहा, “यह समझौता न्यूजीलैंड के निर्यात पर शुल्क कम या हटा देगा, जिससे कीवी नौकरियां बढ़ेंगी, मजदूरी ऊंची होगी और कड़ी मेहनत करने वाले न्यूजीलैंडवासियों के लिए नए अवसर खुलेंगे।”
यह भारत का हाल के वर्षों में सातवां FTA है, जिसमें ओमान, ब्रिटेन, ईएफटीए देश, यूएई, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस शामिल हैं। दोनों देश रक्षा, खेल, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों में भी प्रगति का स्वागत करते हैं।
यह समझौता वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती प्रदान करेगा।

