आरपीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि ट्रेन में बड़े पैमाने पर कछुओं की तस्करी हो रही है। कोहरे के कारण ट्रेन देरी से चल रही थी, जिससे स्टेशन पर पहुंचने पर आरपीएफ को पर्याप्त समय मिला और संदिग्ध बैगों की तलाशी ली गई। बैगों में विभिन्न आकार के जीवित कछुए भरे हुए मिले। प्रारंभिक पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि ये कछुए वाराणसी रेलवे स्टेशन से लोड किए गए थे और फरक्का में किसी बड़े तस्कर को सौंपने थे।
ये कछुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत प्रतिबंधित प्रजाति के हैं। आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि सभी कछुओं को सुरक्षित रूप से गंगा नदी में छोड़ा जाएगा। मामले की गहन जांच जारी है और तस्करी के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।
यह कार्रवाई रेलवे में वन्यजीव तस्करी पर लगाम कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल के महीनों में झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में ट्रेनों से कछुओं की तस्करी के कई मामले सामने आए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग के कारण हो रही है। आरपीएफ ने वन विभाग के साथ मिलकर आगे भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रखने का ऐलान किया है।

