जेफरी एपस्टीन फाइल्स रिलीज: भारतीय राजनीतिक नेताओं और देश-विदेश के नेताओं पर इसका कितना और क्या असर पड़ा?

जेफरी एपस्टीन फाइल्स रिलीज: अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट (DOJ) ने 19 दिसंबर को जेफरी एपस्टीन से जुड़ी हजारों दस्तावेजों और तस्वीरों की पहली किस्त जारी की। ये फाइल्स ‘एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ के तहत रिलीज की गईं, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर में कानून बनाया था। रिलीज में मुख्य रूप से पुरानी तस्वीरें, कोर्ट रिकॉर्ड्स और कुछ नई जानकारी शामिल है, लेकिन कोई बड़े नए आरोप या अज्ञात सह-अपराधियों के सबूत नहीं मिले। कई दस्तावेज भारी रेडैक्टेड (काले किए गए) हैं, और पूरी फाइल्स अभी नहीं जारी की गईं – आने वाले हफ्तों में और रिलीज होगी।

भारतीय राजनीतिक नेताओं पर असर
• रिलीज हुई फाइल्स में कोई भारतीय राजनीतिक नेता या बिजनेसमैन का नया जिक्र नहीं है जो अपराध से जुड़ा हो।
• पहले की कुछ रिलीज (2025 के पहले) में मामूली संदर्भ थे, जैसे:
• केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का नाम 2014 की एक ईमेल में आया था, जहां एपस्टीन ने उन्हें एक इवेंट के लिए आमंत्रित करने का जिक्र किया (गलत स्पेलिंग ‘Hardeep Puree’ के साथ)। इसमें कोई अपराध का आरोप नहीं।
• अनिल अंबानी की एपस्टीन से कुछ ईमेल बातचीत का जिक्र, जो राजनीतिक और ट्रैवल से जुड़ी थीं – कोई गलत काम का सबूत नहीं।
• भारतीय मूल के लेखक दीपक चोपड़ा की एपस्टीन से पुरानी ईमेल।
• भारत में रिलीज से पहले अफवाहें और सियासी बयानबाजी हुई:
• कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया था कि फाइल्स से भारतीय राजनीति पर असर पड़ेगा, शायद नया प्रधानमंत्री बने (मराठी व्यक्ति का संकेत)।
• भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी भारतीय मंत्रियों/सांसदों के नाम आने की बात कही थी।
• लेकिन वर्तमान रिलीज में ऐसा कुछ नहीं हुआ। ये दावे अफवाह या सियासी अटकलें साबित हुए। भारतीय राजनीति पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा – कोई नया खुलासा नहीं।

देश-विदेश के नेताओं पर असर
• बिल क्लिंटन (पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति): फाइल्स में क्लिंटन की कई तस्वीरें हैं – जैकुजी में, स्विमिंग पूल में घिस्लेन मैक्सवेल (एपस्टीन की साथी, जो जेल में है) के साथ, और एपस्टीन के साथ यात्रा करते। फ्लाइट लॉग्स में क्लिंटन के 26 फ्लाइट लेग्स का जिक्र (2002-2003)। क्लिंटन के प्रवक्ता ने कहा कि ये पुरानी तस्वीरें हैं, क्लिंटन को एपस्टीन के अपराधों की जानकारी नहीं थी। ट्रंप प्रशासन ने इन तस्वीरों को हाइलाइट कर क्लिंटन पर हमला बोला।
• डोनाल्ड ट्रंप (वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति): फाइल्स में ट्रंप का बहुत कम जिक्र – कुछ पुरानी तस्वीरें (जैसे मेलानिया ट्रंप, एपस्टीन और मैक्सवेल के साथ)। कोई नया आरोप नहीं। ट्रंप ने पहले एपस्टीन से दोस्ती स्वीकारी, लेकिन 2004 के बाद ब्रेकअप बताया। DOJ ने कहा कि ट्रंप का नाम रेडैक्ट नहीं किया गया।
• अन्य विदेशी नेता/हस्तियां: माइकल जैक्सन, मिक जैगर, रिचर्ड ब्रैनसन, नोम चॉम्स्की आदि की तस्वीरें, लेकिन कोई अपराध का सबूत नहीं। ब्रिटेन के पूर्व प्रिंस एंड्र्यू का पहले से जिक्र (उन्हें टाइटल छीन लिया गया)।
• कुल मिलाकर: फाइल्स में कोई नया बड़ा बॉम्बशेल नहीं – ज्यादातर पुरानी जानकारी। पीड़ितों के नाम और चाइल्ड अब्यूज मैटेरियल रेडैक्टेड हैं। एक पुरानी 1996 की शिकायत (मारिया फार्मर की) सामने आई, जो एपस्टीन के खिलाफ पहली FBI रिपोर्ट थी।

यह रिलीज राजनीतिक विवाद का हिस्सा बनी हुई है – डेमोक्रेट्स कहते हैं कि पूरी फाइल्स नहीं जारी की गईं, जबकि ट्रंप प्रशासन पीड़ितों की सुरक्षा का हवाला दे रहे है। आने वाली रिलीज से और जानकारी सामने आ सकती है, लेकिन फिलहाल कोई भारतीय या नए बड़े नेता पर असर नहीं दिखा।

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