Crisis in Vrindavan’s offerings: बांके बिहारी को नहीं मिला रहा भोग, हलवाई को सैलरी न मिलने से ठाकुर जी का बाल भोग डेढ़ घंटे लेट

Crisis in Vrindavan’s offerings: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सोमवार को एक अभूतपूर्व घटना घटी। सैकड़ों वर्षों से चली आ रही भोग अर्पण की पवित्र परंपरा पहली बार टूट गई। हलवाई को कई महीनों से वेतन न मिलने के कारण सुबह का बाल भोग और रात का शयन भोग समय पर तैयार नहीं हो सका, जिससे ठाकुर जी को भोग में करीब डेढ़ घंटे की देरी का सामना करना पड़ा। इस घटना से मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया और गोस्वामी समाज में भारी आक्रोश फैल गया।

मंदिर की प्राचीन परंपरा के अनुसार, ठाकुर बांके बिहारी जी को प्रतिदिन चार बार भोग अर्पित किया जाता है—सुबह श्रृंगार के बाद बाल भोग, दोपहर में राज भोग, शाम को उत्थापन भोग और रात में शयन भोग। बाल भोग में दो मिठाइयां और दो नमकीन व्यंजन शामिल होते हैं, जो भक्तों की आस्था का केंद्र बिंदु है। लेकिन 15 दिसंबर को सफला एकादशी के पावन अवसर पर यह परंपरा भंग हो गई। हलवाई मयंक गुप्ता ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी के तहत उनकी नियुक्ति हुई थी, जहां मासिक वेतन 80 हजार रुपये निर्धारित किया गया था। फिर भी, पिछले कुछ महीनों से भुगतान रुका हुआ है, जिसके चलते उन्होंने भोग तैयार करने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया था, जिसके अंतर्गत प्रसाद और भोग सामग्री की तैयारी के लिए हलवाई की नियुक्ति की गई। लेकिन कमेटी पर वित्तीय प्रबंधन में लापरवाही का आरोप लग रहा है। एक गोस्वामी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “16 दिनों से ठाकुर जी का भोग प्रभावित हो रहा है। कर्मचारियों की सैलरी समय पर न देने की जिम्मेदारी कमेटी की है। यह भगवान की सेवा में बाधा डालने जैसा है।” मंदिर के सेवायतों ने कमेटी के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।

घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की। डेढ़ घंटे की देरी के बाद बाल भोग अर्पित किया गया, लेकिन इससे भक्तों में असंतोष व्याप्त है। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है। कई यूजर्स ने इसे “भगवान को भी नहीं छोड़ रहे लोग” बताते हुए दुख जताया है। एक पोस्ट में लिखा गया, “हलवाई को भुगतान न होने से परंपरा टूटी, गोस्वामी आक्रोशित।”

मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि जल्द ही वेतन का भुगतान कर समस्या का समाधान किया जाएगा। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने शांति बनाए रखने का आह्वान किया है। यह घटना न केवल धार्मिक आस्था पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि मंदिर ट्रस्ट की वित्तीय पारदर्शिता पर भी बहस छेड़ रही है। भक्तों की भीड़ के बीच वृंदावन धाम में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

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