प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नितिन नबीन को बधाई देते हुए कहा कि वे एक मेहनती कार्यकर्ता हैं, जिनके पास संगठनात्मक अनुभव की भरपूर क्षमता है। मोदी ने उम्मीद जताई कि नबीन की ऊर्जा और समर्पण से पार्टी और मजबूत होगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और अमित शाह ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं।
कौन हैं नितिन नबीन?
नितिन नबीन का जन्म 1980 में हुआ था। वे बिहार के पटना के बैंकिपुर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में वे नीतीश कुमार सरकार में सड़क निर्माण मंत्री हैं। उनके पिता स्वर्गीय नबीन किशोर प्रसाद सिन्हा भी भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक थे। नबीन ने 2006 में पिता की मृत्यु के बाद उपचुनाव जीतकर राजनीति में प्रवेश किया और लगातार जीत दर्ज की। वे कायस्थ समुदाय से आते हैं और पार्टी में अपनी संगठनात्मक कुशलता के लिए जाने जाते हैं।
पिछले वर्षों में उन्होंने छत्तीसगढ़ चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां भाजपा ने शानदार जीत हासिल की। वे भाजपा युवा मोर्चा के बिहार अध्यक्ष भी रह चुके हैं। यह नियुक्ति भाजपा में पीढ़ीगत बदलाव का संकेत देती है, क्योंकि नबीन पार्टी के सबसे युवा शीर्ष नेता बनेंगे। वे बिहार से पहला राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।
बिहार भाजपा में कोई नया अध्यक्ष नहीं
हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा बदलाव हुआ है, बिहार इकाई में कोई नई नियुक्ति की खबर नहीं है। वर्तमान में बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं। बिहार में हालिया विधानसभा चुनावों के बाद एनडीए की सरकार बनी है, जिसमें भाजपा की मजबूत भूमिका है। नितिन नबीन की राष्ट्रीय नियुक्ति से बिहार को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में प्रतिनिधित्व मिला है, जो राज्य इकाई के लिए गौरव की बात है। पटना में भाजपा कार्यालय में जश्न मनाया गया और नबीन का स्वागत किया गया।
यह नियुक्ति भाजपा की आगामी संगठनात्मक चुनावों और विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले रणनीतिक कदम मानी जा रही है। विभिन्न सूत्रों (द इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदू, टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, एनडीटीवी आदि) के अनुसार, यह मोदी-शाह की दूरदर्शी सोच का नतीजा है, जो युवा और अनुभवी नेताओं को आगे ला रही है।
समाज में बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के बीच यह राजनीतिक बदलाव पार्टी की नई ऊर्जा का प्रतीक है, लेकिन समाज को भी बच्चों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। हाल के दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी दुखद घटनाएं सामने आ रही हैं, जो चिंता का विषय बनी हुई हैं।

