India Gate Air Pollution Protest: दिल्ली कोर्ट ने वायु प्रदुषण के प्रदर्शन में गिरफ्तार आरोपियों को जमानत

India Gate Air Pollution Protest: राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के खिलाफ 23 नवंबर को इंडिया गेट (कार्तव्य पथ) पर आयोजित प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार 10 प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को जमानत प्रदान कर दी। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ नक्सली संगठनों से जुड़ाव के कोई सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि, 12 में से एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई, जबकि एक अन्य की सुनवाई बुधवार के लिए स्थगित कर दी गई।

मामले की सुनवाई कर रहे ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अरिदमन सिंह चीमा ने आहान अरुण उपाध्याय, समीर फैयाज, विष्णु तिवारी, सत्यम यादव, प्रकाश राज गुप्ता, श्रेष्ठ मुकुंद, बंका आकाश, आत्रेय चौधरी, तन्या श्रीवास्तव और अभिनाश सत्यापति को 15,000 रुपये के बॉन्ड पर जमानत दे दी। अदालत ने नोट किया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, वीडियो क्लिप्स और आरोपियों के मोबाइल फोन सहित सभी डिजिटल साक्ष्य जब्त कर लिए हैं, जो जांच एजेंसी के पास उपलब्ध हैं।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, “आरोपी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नक्सलियों से जुड़े कट्टरपंथी संगठनों में सदस्यता के संबंध में कुछ भी खोजा नहीं गया है।” हालांकि, अदालत ने यह भी जोड़ा कि आरोपी के फरार होने या साक्ष्यों से छेड़छाड़ की आशंका को ध्यान में रखते हुए उचित शर्तें लगाई जानी चाहिए। अदालत ने स्पष्ट किया कि “आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।”

मामले में के. श्री इलाक्किया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। अदालत ने कहा कि जांच अभी लंबित है, जिसमें रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन (आरएसयू) के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है, जो प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन को मृत माओवादी कमांडर मदवी हिड़मा के समर्थन में बदलने की साजिश रच रहे थे। अदालत ने आरएसयू को नक्सलों का अग्रिम संगठन बताते हुए कहा कि इस संगठन से आरोपी का जुड़ाव गंभीर अपराध की ओर इशारा करता है। जमानत देने से आरोपी अन्य सदस्यों को जांच की जानकारी दे सकता है, जिससे वे फरार हो सकते हैं।
एक अन्य आरोपी अक्षय ई. आर. की जमानत याचिका पर बहस पूरी न होने के कारण सुनवाई 10 दिसंबर (बुधवार) के लिए टाल दी गई है।

प्रदर्शन का पृष्ठभूमि: 23 नवंबर को दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ युवा कार्यकर्ताओं ने इंडिया गेट पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन किया था। लेकिन प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर काली मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल करने और मृत माओवादी नेता मदवी हिड़मा के समर्थन में नारे लगाने के आरोप लगे। पुलिस के अनुसार, संसद स्ट्रीट और कार्तव्य पथ थानों में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए, जिनमें कुल 23 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हुए। संसद स्ट्रीट मामले में 17 में से 15 को कार्तव्य पथ मामले में पुनः गिरफ्तार किया गया था।

इससे पहले, संसद स्ट्रीट मामले में 28 नवंबर को नौ आरोपियों को जमानत मिली थी, जबकि शेष आठ को 2 दिसंबर को। कार्तव्य पथ मामले में यह पहली बड़ी जमानत राहत है।
वायु प्रदूषण दिल्ली की पुरानी समस्या बनी हुई है, जहां सर्दियों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) अक्सर ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच जाता है। प्रदर्शनकारियों का दावा था कि सरकार पर्यावरणीय मुद्दों पर ठोस कदम नहीं उठा रही, लेकिन पुलिस ने इसे ‘अराजकता’ का रूप देने का आरोप लगाया।

अदालत के इस फैसले से प्रदर्शनकारियों के समर्थकों में राहत की लहर है, लेकिन आरएसयू से जुड़े आरोपों ने मामले को राजनीतिक रंग दे दिया है। जांच जारी है, और अगली सुनवाई में और खुलासे हो सकते हैं।

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